झालावाड़. जिले के राजगढ बांध सिंचाई परियोजना के विस्थापितों ने नई जगह पर स्कूल, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं विकसित करने की मांग को लेकर शुक्रवार को यहां कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. परियोजना के डूब क्षेत्र में आए 169 संयुक्त परिवारों को धतुरिया कलां गांव से विस्थापित किया गया था. इन परिवार के पास आज भी मूलभूत सुविधाएं नहीं है.
विस्थापितों का कहना था कि उन्हें जब बांध के डूब क्षेत्र से हटाया गया, तब प्रशासन ने पूरी सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन विस्थापित किए गए स्थान पर आज तक न शिक्षा की सुविधा है और ना ही कोई रोजगार का साधन. आंगनबाड़ी केंद्र व पेयजल के लिए टंकी भी नहीं है. इन असुविधाओं के चलते इन परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन सबसे परेशान होकर ग्राम वासियों ने झालावाड़ जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ को ज्ञापन दिया और मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाने की मांग की है.
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दरअसल, जिले की राजगढ़ बांध सिचांई परियोजना में गांव धतुरियाकला ग्राम पंचायत गोविन्दपुरा के 169 संयुक्त परिवार को देव डूंगरी के नाम से गांव में बसाया गया था. पिछले 6 सालों से गांव में कोई मूलभूत सुविधा नहीं है. ज्ञापन देने पहुंचे ग्रामीणों ने दावा किया कि गांव में ना तो कोई स्कूल है और ना ही आंगनबाडी केंद्र. पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है. ई-मित्र जैसी सुविधा नहीं होने से रोजगार गारंटी योजना व राशन कार्ड की आदि नहीं बन पा रहे. गांववासियों ने बताया कि गांव के सभी लोगों को ग्राम पंचायत गेलानी की मतदाता सूची में जोड़ दिया गया, लेकिन ये सुविधाएं हम ग्राम वासियों नहीं मिल रही है. गांव में बेरोजगारी है व रोजगार का साधन न होने से आर्थिक सकंट पैदा हो गया है. ऐसे में ग्रामीणों ने गांव में राशन कार्ड, मनरेगा में जॉब कार्ड, पेयजल की टंकी एवं आंगनबाड़ी व रोजगार की सुविधाएं मुहैया करवाने को कहा.