जयपुर : राजस्थान में चांदीपुरा वायरस के मामले सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. उदयपुर में इस वायरस के दो मामले सामने आए हैं, जहां दो बच्चों में इस वायरस के लक्षण देखे गए. दोनों बच्चों को गुजरात के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान एक बच्चे ने दम तोड़ दिया. दूसरे बच्चे का इलाज जारी है और उसकी हालात में अब सुधार है.
चिकित्सा विभाग ने दोनों बच्चों के सैंपल पुणे की वायरोलॉजी लैब में भेजे थे और देर रात दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई, जिसके बाद चिकित्सा विभाग ने राहत की सांस ली है. हालांकि, चिकित्सा विभाग ने पूरे प्रदेश में इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. खासकर दक्षिणी राजस्थान में विशेष अलर्ट जारी किया गया है. चिकित्सा विभाग ने सभी सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं कि किसी भी बच्चे में अगर चांदीपुरा वायरस से मिलते-जुलते लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत इलाज मुहैया करवाया जाए और इसकी जानकारी भेजी जाए.
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बच्चों के लिए घातक है ये वायरस : चिकित्सकों का कहना है कि आमतौर पर यह बीमारी बच्चों में फैलती है और प्रारंभिक तौर पर बच्चों में तेज बुखार के अलावा उल्टी दस्त के लक्षण देखने को मिलते हैं. इसके साथ ही कई बार ब्रेन में सूजन भी आ जाती है, यदि समय पर इलाज उपलब्ध नहीं करवाया जाए तो 24 से 48 घंटे में मरीज की मौत भी हो सकती है. चांदीपुरा वायरस के मामले 1965 में महाराष्ट्र के नागपुर के एक गांव चांदीपुरा में देखने को मिले थे और इसके बाद ही इसे चांदीपुरा वायरस नाम दिया गया. उस दौरान कई बच्चों की मौत इस वायरस के चलते हुई थी.