जोधपुर. राजस्थान को जल्द उसके हिस्से का पूरा 332 क्यूसेक पानी मिलेगा. केंद्रीय जल आयोग ने बुधवार को बरुवाली डिस्ट्रीब्यूटरी व फतेहाबाद ब्रांच के पुनर्वास/रीलाइनिंग और नोहर फीडर के डिजाइन डिस्चार्ज को बढ़ाने के लिए प्री फेसिबिल्टी रिपोर्ट (डीपीआर तैयार करने की सहमति) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस संदर्भ में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने श्रीगंगानगर के सांसद निहालचंद, किसान संघ और किसानों के साथ कई बैठकें की थी, जिसमें नहरों के पुनर्वास के लिए प्री फेसिबिल्टी रिपोर्ट (पीएफआर) बनाने पर चर्चा हुई.
जलशक्ति मंत्री कार्यालय से जारी जानकारी के अनुसार हरियाणा के नोहर फीडर, बरुवाली डिस्ट्रिब्यूटरी और फतेहाबाद ब्रांच की बिगड़ी स्थिति के चलते सीपी- 4 (हरियाणा-राजस्थान बार्डर) से राजस्थान को आवंटित 332 क्यूसेक की बजाय 160 क्यूसेक पानी ही मिल रहा है. डीपीआर लागू होने पर सीपी- 4 से राजस्थान के हिस्से के 332 क्यूसेक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जो राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में 14407 हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता बहाल करने में सहायक होगा.
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परियोजना की अनुमानित लागत 139 करोड़ रुपए है और नहरों के पुनर्वास से फसल उत्पादन में वृद्धि के रूप में वार्षिक लाभ 47 करोड़ रुपए का होगा. इस परियोजना को हरियाणा सरकार से सहमति मिल गई है. डीपीआर तैयार करने के लिए पीएफआर राजस्थान सरकार की ओर से हरियाणा सरकार के परामर्श से तैयार किया गया.