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जयपुर में वायु परीक्षण, पूर्व से पश्चिम की ओर बही हवा, इस बार अच्छी बारिश का अनुमान - Jantar Mantar Air Test - JANTAR MANTAR AIR TEST

आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा की शाम को जयपुर में परंपरा का निर्वहन किया गया. यहां ज्योतिषाचार्य ने वृहद सम्राट यंत्र पर वायु परीक्षण करते हुए अच्छी वर्षा का पूर्वानुमान लगाया है. हालांकि, यह परीक्षण जयपुर के आसपास 100 किलोमीटर क्षेत्र के लिए ही प्रभावी माना जाता है.

Rajasthan Weather Forecast
वेदशाला जंतर-मंतर में हुआ वायु परीक्षण (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 20, 2024, 9:42 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: सवाई जयसिंह सिंह द्वितीय की ओर से बनवाई गई वेद शाला जंतर-मंतर पर ज्योतिषियों की ओर से हर साल आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर वायु परीक्षण करते हुए वर्षा का पूर्वानुमान लगाया जाता रहा है. सालों से चली आ रही इस परंपरा का शनिवार को भी निर्वहन किया गया. जयपुर के जंतर मंतर पर वृहद सम्राट यंत्र बना हुआ है, जहां ज्योतिषाचार्यों ने ध्वज पूजन के बाद सम्राट यंत्र पर चढ़कर वायु के दाब और दिशा के अनुसार मानसून का फलादेश दिया.

ज्योतिष आचार्य डॉ. शिवदत्त शास्त्री ने बताया कि जयपुर नगरी अपरा काशी मानी जाती है. यहां सवाई जयसिंह में यंत्रों का निर्माण करते हुए वेद शाला बनाई. इसी वेद शाला में आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर सूर्यास्त काल में 7:17 मिनट पर एक विशेष हवा चली, जो पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर बही, जिसे अच्छी वर्षा का सूचक माना जा सकता है. इस तरह की हवा को लेकर शास्त्रों में लिखा है 'वरुण से भय' यानी कि अतिवृष्टि होने की भी संभावना है. कुल मिलाकर ये एक अच्छी वर्षा के योग बन रहे हैं. अब तक जो बारिश हुई है, वो प्री मानसून थी, लेकिन अब आगामी मानसून सीजन में अच्छी बारिश होगी.

पढ़ें : फिर मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, अगले हफ्ते इन जिलों में हो सकती है बारिश - WEATHER FORECAST

वहीं, इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंसेज जयपुर चैप्टर चेयरमैन मोहन लाल शर्मा ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा पर वायु परीक्षण किया जाता है. सूर्यास्त के समय हवा का रुख देखकर वर्षा का पूर्वानुमान किया जाता है. जब ईशान कोण से हवाएं चलती हैं, तो वो अच्छी वर्षा का सूचक है. यहां शनिवार को किए गए परीक्षण में भी पूर्व से हवाएं चली हैं. इसलिए अच्छी वर्षा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. कुछ सेकंड वायु वेग की तरफ भी हवा का रुख था. ऐसे में कुछ तूफानी हवाएं भी देखने को मिलेंगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि वृहद सम्राट यंत्र से अधिकतम 100 किलोमीटर के रेडियस का अंदाजा लगाया जा सकता है. इससे अच्छी फसल होने की भी संभावना जताई जा सकती हैं. जयपुर के क्षेत्र में आगामी चार से पांच दिन बाद अच्छी वर्षा देखने को मिलेगी.

आपको बता दें कि जयपुर के जंतर-मंतर पर 105 फीट ऊंचा वृहद सम्राट यंत्र है. इस यंत्र से वायु परीक्षण करते हुए वर्ष का पूर्वानुमान लगाया जाता है. इससे 100 किमी के रेडियस तक का अंदाजा लगाया जा सकता है. ये वायु परीक्षण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर होता है.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: सवाई जयसिंह सिंह द्वितीय की ओर से बनवाई गई वेद शाला जंतर-मंतर पर ज्योतिषियों की ओर से हर साल आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर वायु परीक्षण करते हुए वर्षा का पूर्वानुमान लगाया जाता रहा है. सालों से चली आ रही इस परंपरा का शनिवार को भी निर्वहन किया गया. जयपुर के जंतर मंतर पर वृहद सम्राट यंत्र बना हुआ है, जहां ज्योतिषाचार्यों ने ध्वज पूजन के बाद सम्राट यंत्र पर चढ़कर वायु के दाब और दिशा के अनुसार मानसून का फलादेश दिया.

ज्योतिष आचार्य डॉ. शिवदत्त शास्त्री ने बताया कि जयपुर नगरी अपरा काशी मानी जाती है. यहां सवाई जयसिंह में यंत्रों का निर्माण करते हुए वेद शाला बनाई. इसी वेद शाला में आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर सूर्यास्त काल में 7:17 मिनट पर एक विशेष हवा चली, जो पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर बही, जिसे अच्छी वर्षा का सूचक माना जा सकता है. इस तरह की हवा को लेकर शास्त्रों में लिखा है 'वरुण से भय' यानी कि अतिवृष्टि होने की भी संभावना है. कुल मिलाकर ये एक अच्छी वर्षा के योग बन रहे हैं. अब तक जो बारिश हुई है, वो प्री मानसून थी, लेकिन अब आगामी मानसून सीजन में अच्छी बारिश होगी.

पढ़ें : फिर मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, अगले हफ्ते इन जिलों में हो सकती है बारिश - WEATHER FORECAST

वहीं, इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंसेज जयपुर चैप्टर चेयरमैन मोहन लाल शर्मा ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा पर वायु परीक्षण किया जाता है. सूर्यास्त के समय हवा का रुख देखकर वर्षा का पूर्वानुमान किया जाता है. जब ईशान कोण से हवाएं चलती हैं, तो वो अच्छी वर्षा का सूचक है. यहां शनिवार को किए गए परीक्षण में भी पूर्व से हवाएं चली हैं. इसलिए अच्छी वर्षा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. कुछ सेकंड वायु वेग की तरफ भी हवा का रुख था. ऐसे में कुछ तूफानी हवाएं भी देखने को मिलेंगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि वृहद सम्राट यंत्र से अधिकतम 100 किलोमीटर के रेडियस का अंदाजा लगाया जा सकता है. इससे अच्छी फसल होने की भी संभावना जताई जा सकती हैं. जयपुर के क्षेत्र में आगामी चार से पांच दिन बाद अच्छी वर्षा देखने को मिलेगी.

आपको बता दें कि जयपुर के जंतर-मंतर पर 105 फीट ऊंचा वृहद सम्राट यंत्र है. इस यंत्र से वायु परीक्षण करते हुए वर्ष का पूर्वानुमान लगाया जाता है. इससे 100 किमी के रेडियस तक का अंदाजा लगाया जा सकता है. ये वायु परीक्षण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर होता है.

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