जयपुर: पट्टा जारी करने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी. आवेदक को 30 दिन में ही पट्टा मिल जाएगा. शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने प्रदेशवासियों को जमीन का पट्टा लेने के लिए बड़ी राहत देते हुए विधानसभा में ये ऐलान किया. इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों की भर्ती को पारदर्शी बनाने के लिए सकारात्मक सुझाव को शामिल करने की भी बात कही. यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि 5 वर्ष से ज्यादा समय से प्रतिनियुक्ति पर चल रहे अधिकारी-कर्मचारी अपने मूल विभाग में भेजे जाएंगे. प्रदेश को सिटी ट्रांसपोर्टेशन में बड़ी सौगात देते हुए इसी साल 500 ई-बसें संचालित होने का भी ऐलान किया. विधानसभा में यूडीएच विभाग की 89 करोड़ 7 लाख 12 हजार और स्वायत्त शासन विभाग की 1 खरब 23 अरब 66 करोड़ 97 लाख 92 हजार की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित की गई.
प्रदेशवासियों को अब अपनी जमीन का पट्टा लेने के लिए न तो भटकना पड़ेगा और न ही इंतजार करना पड़ेगा. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने शुक्रवार को विधानसभा में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग और स्वायत्त शासन विभाग की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दिया. उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करते हुए पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर पूर्ण पारदर्शी बनानी की बात कही. साथ ही कहा कि पट्टे के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें संबंधित निकाय आवेदन के 30 दिन के अंदर आवेदक को पट्टा जारी करेगा या निरस्त करेगा. उन्होंने कहा कि आवेदन में कोई कमी-खामी होने पर नगरीय निकाय एक सप्ताह की अवधि में उसकी जानकारी आवेदक को देगा. पट्टा निरस्त होने की स्थिति में आवेदक प्रशासनिक अधिकारियों की समिति के समक्ष दोबारा आवेदन कर सकेगा. यदि गलत तरीके से पट्टा निरस्त करना पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.
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भूमि मुआवजे की कमियों में सुधार होगा: खर्रा ने कहा कि जमीन मुआवजे के संबंध में बीती 12 जुलाई को आदेश जारी कर पूर्व के आदेशों की खामियों को दूर किया गया है. एक ही जोन में डीएलसी दर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आरक्षित दर एक ही होती है. नए आदेश में समतुल्यता लाते हुए मुआवजे का आधार डीएलसी दर को रखा गया है, जिससे अब कोई भी मुआवजे का नाजायज फायदा नहीं उठा सकेगा.
पारदर्शी होगी सफाईकर्मी भर्ती: खर्रा ने सफाईकर्मी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए कहा कि पूर्व में सफाईकर्मी भर्ती में नगरीय निकायों में दो वर्ष कार्य अनुभव का प्रावधान था. इसे बाद में एक वर्ष कर दिया गया. इसके बाद निजी संस्थाओं के अनुभव को भी इसमें शामिल कर लिया गया, जिससे ये प्रक्रिया दूषित हो गई. अब सभी के सकारात्मक सुझावों को शामिल कर सफाईकर्मी भर्ती को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि विभाग से सम्बन्धित नियम-कानूनों में कोई खामी है तो उन्हें संशोधन कर दुरूस्त किया जाएगा. उन्होंने नगरीय निकायों की टाउनशिप पॉलिसी को बदलकर इन्हें और बेहतर बनाने की बात कहते हुए कहा कि जमीन अधिग्रहण के मामलों में ये सुनिश्चित किया जाएगा कि अंतिम रूप से जमीन जिसके नाम थी, उसे मुआवजा मिले.
सरलीकृत होगा यूडी टैक्स: स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि सरलीकरण का भी प्रयास किया जाएगा. इसके लिए विभिन्न राज्यों के यूडी टैक्स मॉडल का अध्ययन करने के लिए विभागीय अधिकारियों की टीम विभिन्न राज्यों के दौरे पर भेजी जाएगी. उन्होंने कहा कि जवाहर नगर कच्ची बस्ती को फॉरेस्ट डिनोटिफाई कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि विभाग में कोई भी कर्मचारी यदि तीन वर्ष से अधिक अवधि से एक ही शाखा में कार्यरत है तो उसका दूसरी शाखा में तबादला किया जाएगा. साथ ही, यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी 5 वर्ष से अधिक समय से विभाग में प्रतिनियुक्ति पर है तो उसे मूल विभाग में भेजा जाएगा. खर्रा ने कहा कि तथ्यात्मक शिकायतें प्राप्त होने पर उनकी निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों की भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होने पर उसे अतिक्रमण मुक्त करवाने का प्रयास किया जाता है. हाल ही में नागौर में आवासन मंडल की 30 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि नगरीय निकायों की एक इंच भूमि भी अतिक्रमियों के कब्जे में नहीं रहने दी जाएगी.
30 हजार से अधिक आवास मंजूर: खर्रा ने बताया कि विभाग ने बीते सात महीनों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है. इस अवधि में 30 हजार 408 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं. साथ ही, पुरानी स्वीकृतियों को मिलाकर कुल 43 हजार 141 आवासों का निर्माण शुरू करवाया गया है. 18 हजार 673 आवास पूर्ण कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि 434 करोड़ की केन्द्रीय अनुदान राशि भारत सरकार से प्राप्त कर 378 करोड़ लाभार्थियों को वितरित कर दी गई है. वहीं, राज्य के प्रमुख शहरों में 500 ई-बसें संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है, जो इसी साल शुरू हो जाएंगी. उन्होंने बताया कि अमृत 1.0 योजना के तहत 3 शहरों में 206 करोड़ के 3 सीवरेज कार्य पूरे किए जा चुके हैं और 888 करोड़ के 10 कार्य किए जा रहे हैं. साथ ही, 205 करोड़ रुपये के जलापूर्ति के 4 कार्य प्रगतिरत हैं. इसके अलावा अमृत-2.0 योजना के अंतर्गत 29 शहरों में कुल 715 किलोमीटर सीवर लाइन डाली गई है. 12 हजार सीवर कनेक्शन दिए गए हैं. 31 एसटीपी के कार्य किए जाए रहे हैं.
स्वच्छ भारत मिशन: मंत्री खर्रा ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 योजना के अंतर्गत 134 नगरीय निकायों में 458 करोड़ के सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं. योजना के अंतर्गत एक लाख से कम आबादी वाले 58 शहरों में एसटीपी के निर्माण की डीपीआर के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं. खर्रा ने बताया कि 17 शहरी क्षेत्रों में प्रमुख सड़कों की मरम्मत और उन्नयन के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. यही नहीं जयपुर में सेक्टर सड़कों के निर्माण के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है.