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दलित शंकर लाल के परिजनों को मुआवजे की मांग पर प्रतिपक्ष का सदन से ​वॉक आउट, कही ये बात - rajasthan vidhansabha session

सलूंबर के दलित मृतक शंकरलाल के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कन्हैयालाल को मुआवजा दिया जा सकता है तो शंकरलाल को क्यों नहीं?. विपक्ष ने वेल में आकर हंगामा किया. इसके बाद सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर गए.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 30, 2024, 6:54 PM IST

RAJASTHAN VIDHANSABHA SESSION
प्रतिपक्ष का सदन से ​बहिर्गमन (Photo ETV Bharat Jaipur)
प्रतिपक्ष का सदन से ​बहिर्गमन (Photo ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: सलूंबर जिले में पिछले दिनों दलित शंकर लाल की हत्या प्रकरण में परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने मांग को लेकर विधानसभा में लगातार हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष के जवाब से ना खुश विपक्ष ने मंगलवार को दूसरे दिन भी सदन में जमकर हंगामा किया. विपक्ष ने वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बाद में सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.

विपक्ष का कहना था कि जब उदयपुर के कन्हैयालाल के परिजनों को मुआवजा और नौकरी दी जा सकती है तो शंकरलाल के परिवार वालों को क्यों नहीं? इसके बाद सत्ता पक्ष ने कहा कि क्या विपक्ष की नजर में कन्हैया लाल और शंकर लाल की हत्या एक जैसा मामला है.इसके बाद सदन में हंगामा हो गया.

पढ़ें: विधानसभा में अमर्यादित शब्द कहने पर शांति धारीवाल पर एक्शन, दो दिन सदन की कार्यवाही में भाग लेने पर रोक

सरकार के जवाब से नाखुश विपक्ष: शंकर लाल हत्या प्रकरण में सरकार की ओर से जवाब देने की मांग विपक्ष ने एक दिन पहले की थी. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सरकार को स्पष्टीकरण देने की व्यवस्था दी थी. संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने मामले पर अब तक की पुलिस कार्रवाई का विवरण देते हुए कहा कि 25 जुलाई को शंकर लाल अपने घर के बाहर बैठा था. उस दौरान फतेह सिंह नाम का व्यक्ति आया और उसने तलवार से शंकर लाल की हत्या कर दी. उसके बाद आत्महत्या के लिए खुद को भी इस हथियार से घायल कर लिया. अस्पताल ले जाते वक्त उसकी भी मौत हो गई, मामले में पुलिस अनुसंधान कर रही है.

प्रतिपक्ष ने किया सदन का बहिर्गमन: इसपर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित विपक्ष ने मांग कि की शंकर लाल को मुआवजा और परिजनों को सरकारी नौकरी देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या भी इसी तरह का मामला थी, जिसमें पूर्व गहलोत सरकार ने 50 लाख का मुआवजा और इसके दो बच्चों को सरकारी नौकरी दी थी. एक दलित की हत्या हुई है तो उसे आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी क्यों नहीं दी जा रही है.

यह भी पढ़ें: प्रदेशाध्यक्ष के पद पर डोटासरा के चार साल पूरे, सरकार पर साधा निशाना, बोले- सदन में सीएम शक्ल दिखाने आते हैं

सत्ता पक्ष ने इस मामले को कन्हैयालाल से इतर बताते हुए कहा कि यह मामला उस तरह का नहीं है, लेकिन विपक्ष ने इसे भी उसी तरह की हत्या बताते हुए हंगामा किया. जोगाराम ने कहा कि अभी अनुसंधान चल रहा है. इसलिए अभी आगे कोई बात नहीं होगी. इस पर विपक्ष के सदस्य वेल में आ गए और हंगामा कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के आसन पर आने पर प्रतिपक्ष के सदस्य भी अपनी जगह पर आकर बैठ गए, लेकिन मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग पर हंगामा करते रहे. सरकार की तरफ से पूरा जवाब आ जाने की बात कहने पर प्रतिपक्ष ने सदन की शेष कार्रवाई का बहिष्कार कर दिया और सदन से चले गए. इसके बाद सदन में आगे की कार्रवाई केवल सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ही आगे चलाई.

प्रतिपक्ष का सदन से ​बहिर्गमन (Photo ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: सलूंबर जिले में पिछले दिनों दलित शंकर लाल की हत्या प्रकरण में परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने मांग को लेकर विधानसभा में लगातार हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष के जवाब से ना खुश विपक्ष ने मंगलवार को दूसरे दिन भी सदन में जमकर हंगामा किया. विपक्ष ने वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बाद में सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.

विपक्ष का कहना था कि जब उदयपुर के कन्हैयालाल के परिजनों को मुआवजा और नौकरी दी जा सकती है तो शंकरलाल के परिवार वालों को क्यों नहीं? इसके बाद सत्ता पक्ष ने कहा कि क्या विपक्ष की नजर में कन्हैया लाल और शंकर लाल की हत्या एक जैसा मामला है.इसके बाद सदन में हंगामा हो गया.

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सरकार के जवाब से नाखुश विपक्ष: शंकर लाल हत्या प्रकरण में सरकार की ओर से जवाब देने की मांग विपक्ष ने एक दिन पहले की थी. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सरकार को स्पष्टीकरण देने की व्यवस्था दी थी. संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने मामले पर अब तक की पुलिस कार्रवाई का विवरण देते हुए कहा कि 25 जुलाई को शंकर लाल अपने घर के बाहर बैठा था. उस दौरान फतेह सिंह नाम का व्यक्ति आया और उसने तलवार से शंकर लाल की हत्या कर दी. उसके बाद आत्महत्या के लिए खुद को भी इस हथियार से घायल कर लिया. अस्पताल ले जाते वक्त उसकी भी मौत हो गई, मामले में पुलिस अनुसंधान कर रही है.

प्रतिपक्ष ने किया सदन का बहिर्गमन: इसपर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित विपक्ष ने मांग कि की शंकर लाल को मुआवजा और परिजनों को सरकारी नौकरी देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या भी इसी तरह का मामला थी, जिसमें पूर्व गहलोत सरकार ने 50 लाख का मुआवजा और इसके दो बच्चों को सरकारी नौकरी दी थी. एक दलित की हत्या हुई है तो उसे आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी क्यों नहीं दी जा रही है.

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सत्ता पक्ष ने इस मामले को कन्हैयालाल से इतर बताते हुए कहा कि यह मामला उस तरह का नहीं है, लेकिन विपक्ष ने इसे भी उसी तरह की हत्या बताते हुए हंगामा किया. जोगाराम ने कहा कि अभी अनुसंधान चल रहा है. इसलिए अभी आगे कोई बात नहीं होगी. इस पर विपक्ष के सदस्य वेल में आ गए और हंगामा कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के आसन पर आने पर प्रतिपक्ष के सदस्य भी अपनी जगह पर आकर बैठ गए, लेकिन मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग पर हंगामा करते रहे. सरकार की तरफ से पूरा जवाब आ जाने की बात कहने पर प्रतिपक्ष ने सदन की शेष कार्रवाई का बहिष्कार कर दिया और सदन से चले गए. इसके बाद सदन में आगे की कार्रवाई केवल सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ही आगे चलाई.

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