जयपुर: अब कचरा बीनने वाले रैगपिर्क्स की भी प्रोफाइलिंग कर उन्हें सुरक्षा किट, व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण, आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड और पूंजीगत सब्सिडी जैसे लाभ दिए जाएंगे. रैगपिर्क्स की प्रोफाइलिंग के लिए नगरीय निकायों में कैम्पों का आयोजन कर प्रोफाइलिंग करते हुए सत्यापन का कार्य किया जाएगा. डीएलबी डायरेक्टर सुरेश कुमार ओला ने नगरीय निकायों को निर्देशित किया कि नमस्ते योजना के अन्तर्गत सभी नगरीय निकाय क्षेत्र में कार्यरत अनौपचारिक कचरा बीनने वाले रैगपिर्क्स को सूचीबद्ध किया जाए.
ये मिलेंगे लाभ :
- कूड़ा बीनने वाले की प्रोफाइलिंग और आईडी कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे.
- व्यावसायिक खतरों और सुरक्षित संचालन पर व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा.
- मौसम के अनुसार और आवश्यकता के आधार पर पीपीई किट का वितरण.
- आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत स्वास्थ्य बीमा कवरेज.
- कचरा बीनने वालों और आनके स्वयं सहायता समूहों को सूखा कचरा संग्रहण केन्द्रों के लिए कचरा संग्रहण वाहनों के लिए 5 लाख रुपये तक की पूंजीगत सब्सिडी.
आपको बता दें कि नेशनल सफाई कर्मचारी फाईनेंस एंड डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन से प्राप्त दिशानिर्देशों के अनुसार नमस्ते योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है. ये कार्य नगरीय निकाय स्तर पर किया जा रहा है. इससे पहले सीवरेज और सेप्टिक क्लिनिंग वर्क्स की सफाई कार्यों में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकथाम के लिए नगरीय निकाय स्तर पर केंद्र सरकार की नमस्ते योजना पर काम किया गया था. जिसके तहत सीवर और सेप्टिक सम्बन्धित स्वच्छता पारिस्थितिक तंत्र का मशीनीकरण, श्रमिकों का प्रशिक्षण, पीपीई किट और स्वास्थ्य बीमा किया गया.
नमस्ते योजना के तहत राज्य की 222 नगरीय निकायों में प्रोफाइलिंग कैम्पों का आयोजन कर 2 हजार 280 सीवर और सेप्टिक क्लिनिंग वर्क्स की पहचान कर सत्यापित किया जा चुका है. वहीं, अब नमस्ते योजना के के तहत सत्यापित वर्क्स के शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं से जोड़ा जाना प्रस्तावित है.