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डोपिंग पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए रीजनल एन्टी डोपिंग एजेंसी की स्थापना की जरूरत : खेल बोर्ड - Awareness to Stop Doping

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 20, 2024, 8:45 PM IST

Regional Anti Doping Agency, डोपिंग रोकने के लिए पहली जरूरत है जागरूकता और उसकी शुरुआत ग्रासरूट यानी स्कूल-कॉलेज लेवल पर होनी चाहिए. इसी को ध्यान में रखते हुए कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर तैयार हो रहे खिलाड़ियों को डोपिंग रोकथाम को लेकर जागरूकता एंबेसडर बनने की सीख दी जा रही है. इसके साथ ही नाडा के तहत राडा यानी रीजनल एंटी डोपिंग एजेंसी की स्थापना की भी मांग उठ रही है.

Awareness to Stop Doping
डोपिंग रोकने के लिए जागरूकता जरूरी (ETV Bharat Jaipur)
डॉ प्रीती शर्मा ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में सोमवार को स्पोर्ट्स बोर्ड की ओर से खिलाड़ियों को डोपिंग से बचने के लिए जागरूक किया गया. खेल बोर्ड सचिव डॉ. प्रीति शर्मा ने डोपिंग के तमाम नुकसान से रू-ब-रू कराया, साथ ही डोपिंग पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए रीजनल एन्टी डोपिंग एजेंसी की स्थापना की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि अकेले नाडा के होने से सारी समस्याओं का हल नहीं मिलेगा. रीजनल लेवल पर सेंटर्स बनने चाहिए. नाडा के तहत ही राडा रीजनल एंटी डोपिंग एजेंसी का भी गठन होन चाहिए, ताकि अलग-अलग सिटीज और जिले में इस समस्या का बेहतर तरीके से समाधान ढूंढा जा सके और लोगों में अवेयरनेस भी लाई जा सके.

वहीं, इस दौरान मौजूद रही नाडा की मेडिकल ज्यूरी मेम्बर डॉ. संजोगिता सूडान ने कहा कि पहले जहां 15 दिन में एक केस सामने आता था, वहीं अब सप्ताह में चार केस आ रहे हैं. पुरुषों की तुलना में महिला खिलाड़ी ज्यादा डोप पॉजिटिव पाई जा रहीं हैं. इसके पीछे उनके परिवार का दबाव बड़ी वजह है. इतना ही नहीं, इसमें नौकरी पाने की चाहत उन्हें इस तरफ ले जा रही है. इससे बचना होगा. उन्होंने बताया कि जो खिलाड़ी नाडा में सेम्पल नहीं देते हैं, उन्हें बिना टेस्ट के ही पॉजिटिव मान लिया जाता है. इसलिए इन सबसे बचने के लिए खिलाड़ी सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टर्स से ही दवाएं लें न कि स्वयं दवा न लें. खिलाड़ियों को ये हिदायत भी दी गई कि जब भी किसी डॉक्टर से जरूरत पड़ने पर मिलें, बीमारी के साथ-साथ उन्हें अपने खिलाड़ी होने की जानकारी भी दें.

पढ़ें : सुरक्षा मान-सम्मान वाहन रैली : तीन आईपीएस ऑफिसर बाइक पर बैठे, हाथ में तख्तियां लेकर दिया संदेश - Bike Rally For Awareness

इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयपुर के चीफ कार्डियोलॉजिस्ट जीएल शर्मा ने खिलाड़ियों से तमाम तरह के ड्रग्स और डोपिंग के तरीकों पर चर्चा की. वहीं, अर्जुन अवार्डी और ओलंपियन गोपाल सैनी ने कहा कि नेचुरल रहने से ही फायदा है. डोपिंग से शॉर्ट टर्म में फायदा मिलता है, लेकिन लंबे समय के लिए नुकसान हो जाता है. इसलिए बचकर रहना चाहिए तथा लोगों को जितना अवेयर करेंगे, उतना बढ़िया रहेगा. इस दौरान उन्होंने अपने पुराने अनुभवों को भी साझा किया. खिलाड़ियों से चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने सप्लीमेंट और दवाओं से दूर रहने की सलाह दी है. यहां तक कि चार कप काफी पीने के बाद भी रिपोर्ट पॉजिटव आने बात साझा करते हुए इससे बचने की नसीहत दी.

डॉ प्रीती शर्मा ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में सोमवार को स्पोर्ट्स बोर्ड की ओर से खिलाड़ियों को डोपिंग से बचने के लिए जागरूक किया गया. खेल बोर्ड सचिव डॉ. प्रीति शर्मा ने डोपिंग के तमाम नुकसान से रू-ब-रू कराया, साथ ही डोपिंग पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए रीजनल एन्टी डोपिंग एजेंसी की स्थापना की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि अकेले नाडा के होने से सारी समस्याओं का हल नहीं मिलेगा. रीजनल लेवल पर सेंटर्स बनने चाहिए. नाडा के तहत ही राडा रीजनल एंटी डोपिंग एजेंसी का भी गठन होन चाहिए, ताकि अलग-अलग सिटीज और जिले में इस समस्या का बेहतर तरीके से समाधान ढूंढा जा सके और लोगों में अवेयरनेस भी लाई जा सके.

वहीं, इस दौरान मौजूद रही नाडा की मेडिकल ज्यूरी मेम्बर डॉ. संजोगिता सूडान ने कहा कि पहले जहां 15 दिन में एक केस सामने आता था, वहीं अब सप्ताह में चार केस आ रहे हैं. पुरुषों की तुलना में महिला खिलाड़ी ज्यादा डोप पॉजिटिव पाई जा रहीं हैं. इसके पीछे उनके परिवार का दबाव बड़ी वजह है. इतना ही नहीं, इसमें नौकरी पाने की चाहत उन्हें इस तरफ ले जा रही है. इससे बचना होगा. उन्होंने बताया कि जो खिलाड़ी नाडा में सेम्पल नहीं देते हैं, उन्हें बिना टेस्ट के ही पॉजिटिव मान लिया जाता है. इसलिए इन सबसे बचने के लिए खिलाड़ी सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टर्स से ही दवाएं लें न कि स्वयं दवा न लें. खिलाड़ियों को ये हिदायत भी दी गई कि जब भी किसी डॉक्टर से जरूरत पड़ने पर मिलें, बीमारी के साथ-साथ उन्हें अपने खिलाड़ी होने की जानकारी भी दें.

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इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयपुर के चीफ कार्डियोलॉजिस्ट जीएल शर्मा ने खिलाड़ियों से तमाम तरह के ड्रग्स और डोपिंग के तरीकों पर चर्चा की. वहीं, अर्जुन अवार्डी और ओलंपियन गोपाल सैनी ने कहा कि नेचुरल रहने से ही फायदा है. डोपिंग से शॉर्ट टर्म में फायदा मिलता है, लेकिन लंबे समय के लिए नुकसान हो जाता है. इसलिए बचकर रहना चाहिए तथा लोगों को जितना अवेयर करेंगे, उतना बढ़िया रहेगा. इस दौरान उन्होंने अपने पुराने अनुभवों को भी साझा किया. खिलाड़ियों से चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने सप्लीमेंट और दवाओं से दूर रहने की सलाह दी है. यहां तक कि चार कप काफी पीने के बाद भी रिपोर्ट पॉजिटव आने बात साझा करते हुए इससे बचने की नसीहत दी.

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