जयपुर. आरयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर विवाद शुरू हो गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बढ़ाई गई इस फीस का छात्रों ने विरोध किया है, जबकि विश्वविद्यालय कुलपति ने इसे नियमों के तहत बढ़ाई गई फीस बताते हुए ईडब्ल्यूए छात्रों को हर संभव रियायत देने की बात कही है.
राजस्थान विश्वविद्यालय में अध्यनरत करीब 30 हजार छात्रों को सत्र 2024-25 में 10% बढ़ी हुई फीस देनी होगी. हालांकि, पिछली सिंडीकेट बैठक में सत्र 2023-24 में फीस बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला लिया गया था, लेकिन इस बार नए सत्र में 10 पीस भी शुल्क में वृद्धि की गई है. इसके विरोध में छात्र प्रतिनिधि शुभम रेवाड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बढ़ाई गई फीस आर्थिक रूप से कमजोर तबके के छात्रों को शिक्षा से दूर करेगी. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब विश्वविद्यालय को सरकार की ओर से फंड भी मिलता है, फिर क्यों फीस बढ़ोतरी की जा रही है.
उधर, छात्रों के सवालों के जवाब पर कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा ने कहा कि सिंडिकेट में अनुमोदित नियम के अनुसार 10% फीस बढ़ाने का प्रावधान है. बीते कुछ वर्षों से फीस में बढ़ोतरी नहीं की गई थी, जिसे इस बार बढ़ाया गया है. उन्होंने बताया कि पहले कोरोना के कारण रिलैक्सेशन दिया गया था और आर्थिक रूप से कमजोर तबके से आने वाले छात्रों को बहुत तरीके की रियायत दी जाती है, जो नियम अनुसार इस बार भी उपलब्ध होंगी. उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र पर कोई भार नहीं पड़ेगा. जहां तक हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी का सवाल है तो यदि छात्र 5 या इससे ज्यादा दिन नहीं आता है तो उसे मैस फीस में भी कंसेशन दिया जाता है.