जयपुर. एसओजी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में भर्ती के लिए फर्जी डिग्री जारी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें फर्जी डिग्री जारी करने वाला एक दलाल और उसका पीटीआई बेटा भी शामिल है. इस पूरे मामले में एसओजी ने चूरू के राजगढ़ स्थित ओपीजेएस विश्वविद्यालय के परिसर की भी तलाशी ली, जहां से एक मोबाइल, एक हार्ड डिस्क, एक लैपटॉप, एक कंप्यूटर और बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं.
इसके साथ ही एक आरोपी के घर से 7 विश्वविद्यालयों को 50 फर्जी डिग्रियां, 81 खेल प्रमाण पत्र, 117 विद्यार्थियों का रिकॉर्ड, 10 भरी हुई उत्तर पुस्तिकाएं, दो विश्वविद्यालयों की सील, दो खाली खेल प्रमाण पत्र और चेक बुक व अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं. एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि राजगढ़ (चूरू) की ओपीजेएस विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री जारी करवाने वाले दलाल सुभाष पूनिया, उसके बेटे परमजीत पूनिया और शेखावाटी प्रिंटर्स के संचालक राकेश शर्मा को गिरफ्तार किया गया है.
गोपनीय सूचना पर डिकॉय ऑपरेशन : एडीजी वीके सिंह के अनुसार, एक परिवादी ने एसओजी को शिकायत दी थी. जिसमें बताया कि सुभाष पूनिया और उसका बेटा परमजीत अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर फर्जी डिग्री, फर्जी खेल प्रमाण पत्र व मैडल और बैक डेट में एडमिशन दिलवाने के काम करते हैं. इस पर एसओजी की पांच टीमों ने डिकॉय ऑपरेशन कर इस मामले का भंडाफोड़ किया. दोनों पिता-पुत्र के साथ फर्जी डिग्री और प्रमाण पत्र छापने वाले राकेश को भी एसओजी की टीम ने गिरफ्तार किया है.
विश्वविद्यालय से शिक्षा विभाग तक संपर्क : एसओजी की पड़ताल में सामने आया कि आरोपी सुभाष पूनिया ओपीजेएस विश्वविद्यालय में दलाली करता है. मैनेजमेंट से मिलकर बैक डेट में एडमिशन करवाने के साथ ही फर्जी डिग्री, मैडल और प्रमाण पत्र जारी करवाता है. इसके साथ ही फर्जी डिग्री और प्रमाण पत्र का शिक्षा विभाग के स्टाफ से मिलीभगत कर सत्यापन भी करवाता है.
बैक डेट में लाइब्रेरियन की डिग्री लेने का सौदा : एसओजी की टीम ने परिवादी से मिलकर एक डिकॉय ऑपरेशन किया. जिसके तहत परिवादी ने सुभाष पूनिया से संपर्क कर बैक डेट में लाइब्रेरियन की डिग्री का सौदा किया. यह सौदा 50 हजार रुपये में तय हुआ और 20 हजार रुपये सुभाष के बेटे परमजीत के खाते में ट्रांसफर करवाए. इसके बाद उसने फर्जी डिग्री की कॉपी वाट्सएप पर भेजी और मूल डिग्री राजगढ़ में देने की बात कही. उसने डिग्री किसी और के पास होने की बात कहकर बाकी पैसे मांगे तो एसओजी की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
इन्होंने फर्जी डिग्री ली और डमी अभ्यर्थी बिठाए : एसओजी की पड़ताल में सामने आया है कि जाखल (सांचौर) निवासी गणपतलाल, चितलवाना (जालोर) निवासी विक्रम और सरनाऊ (सांचौर) निवासी नरेंद्र ने पीटीआई की पात्रता के लिए ओपीजेएस विश्वविद्यालय से बीपीएड की फर्जी डिग्री हासिल की. इन तीनों ने भर्ती परीक्षा में डमी अभ्यर्थी भी बिठाए और उनका पीटीआई के रूप में चयन भी हो गया. अब एसओजी इन तीनों की तलाश में जुटी है.