जयपुर. राजस्थान रियल एस्टेट अपीलीय अधिकरण ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट व ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट बिना प्रोजेक्ट व बिल्डिंग के निर्माण को पूरा नहीं माना जा सकता. बिल्डर ने ये सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं किए हैं तो ऐसी स्थिति में आवंटी बिल्डर से अपनी जमा राशि वापस लेने का अधिकारी होगा. इसके साथ ही अधिकरण ने बिल्डर को निर्देश दिया कि वह अपीलार्थी को उसकी जमा राशि 45 दिन में ब्याज सहित लौटाए. अधिकरण ने यह आदेश आवंटी कैलाश गुप्ता की अपील को मंजूर करते हुए और सिक्विन रियल एस्टेट की अपील को दस हजार रुपए हर्जाने सहित खारिज करते हुए दिया.
अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने बताया कि अपीलार्थी बिल्डर ने वर्ष 2006 में स्टार सिटी के नाम से एक आवासीय प्रोजेक्ट शुरू किया. इसमें प्रार्थी ने भी एक फ्लैट बुक किया और इसके तहत 2008 तक करीब 90 फीसदी राशि का भुगतान भी कर दिया. इसके बावजूद 16 साल में भी बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया. हालांकि, इस दौरान प्रार्थी को बिल्डर ने अस्थाई तौर पर एक फ्लैट देकर यह भरोसा दिलवाया कि जल्द ही उन्हें फ्लैट का कब्जा दे दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
इसकी शिकायत प्रार्थी ने रेरा में की, लेकिन उसकी शिकायत यह कहते हुए खारिज कर दी कि दोनों पक्षों के बीच फ्लैट निर्माण को लेकर कोई समय तय नहीं किया है. इसे प्रार्थी व अपीलार्थी बिल्डर ने अपीलीय अधिकरण में चुनौती दी. अधिकरण ने माना कि यदि बिल्डर व आवंटी के बीच निर्माण को लेकर कोई समय सीमा तय नहीं की गई तो भी 3 साल की अवधि को उचित समय अवधि माना जाएगा. इसके साथ ही प्रार्थी को उसकी जमा राशि ब्याज सहित लौटाने के निर्देश दिए हैं.