जयपुर. राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और जयपुर की आदर्श नगर सीट से विधायक रफीक खान ने यह कहकर अब नई बहस छेड़ दी है कि राजस्थान में अल्पसंख्यकों के प्रति एक्सटॉर्शन का रवैया है. उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में अल्पसंख्यक आयोग की भूमिका अहम हो जाती है. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड सरकार द्वारा कॉमन सिविल कोड लागू करने के फैसले को भी चुनावी स्टंट बताया है.
रफीक खान ने जयपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश के हर राज्य में अल्पसंख्यक आयोग है. कमीशन की अपनी गाइडलाइन है. जिस तरह का माहौल राजस्थान में हो रहा है. कमीशन की भूमिका अहम हो जाती है. कमीशन का दायित्व यह है कि अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारों को कैसे रक्षा की जा सकती है. उनके प्रति जो एक्सटॉर्शन का रवैया बनता जा रहा है. उससे कैसे मुक्ति मिले. इस काम के लिए और उनके अधिकारों के लिए अल्पसंख्यक आयोग काम कर रहा है.
अधिकारों से वंचित नहीं रहे अल्पसंख्यक: रफीक खान ने आगे कहा कि अध्यक्ष के नाते मेरी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि इस तरह के इश्यू नहीं हो और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग अपने अधिकारों से वंचित नहीं रहें. इस पर काम करने का मन है. बहुत से जिलों में विजिट हो चुकी है. कुछ जिले रह गए हैं. राजस्थान के हर जिले में दौरा करूंगा और कोशिश है कि
खामियों पर पत्र लिखा, आगे भी लिखूंगा: रफीक खान ने कह कि बहुत सी खामियां हैं. उन्हें लेकर पहले भी सरकारों को लिखा है और आगे भी लिखूंगा. शिक्षा का मामला हो या अन्य किसी विभाग का. हर विभाग में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा हो. इसके लिए आयोग सक्रियता से काम करेगा.
विधानसभा चुनाव में भी किया था स्टंट: एक सवाल के जवाब में रफीक खान ने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लाने का फैसला एक इलेक्शन स्टंट है. ऐसा ही इलेक्शन स्टंट आपने मेरे चुनाव में भी देखा. मेरे चुनाव में तीन गाय मारकर कहते हैं कि हमें सामने वाले पर शक है. अब इनकी सरकार है. दो महीने सरकार बने हो गए. क्यों नहीं जांच करवाई. क्योंकि ये खुद मारने वाले लोग हैं. ये जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं. वो मुद्दे समाज को बांटने और समाज को पोलराइज करने का काम ये कर रहे हैं. उसी आधार पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. इनके मुद्दे राजनीती से प्रेरित होते हैं.
गहलोत राज में अध्यक्ष बने थे रफीक खान: रफीक खान पूर्ववर्ती अशोक गहलोत की सरकार में राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष बने थे. वे जयपुर की ही आदर्श नगर विधानसभा सीट से विधायक भी हैं. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के प्रत्याशी रवि नैयर को हराकर चुनाव जीता.