जयपुर. राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब 4 जून को परिणाम पर सबकी निगाहें हैं. इस बीच कांग्रेस बीते दो लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार अपना प्रदर्शन सुधारती दिख रही है, लेकिन आपसी गुटबाजी और अंतर्कलह एक बार फिर पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले बड़ी संख्या ने नेता कांग्रेस से छिटककर भाजपा में शामिल हो गए थे.
इसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच कई सीटों पर गुटबाजी और अंतर्कलह की बातें सामने आई थी. अब चुनाव खत्म होने के बाद प्रदेश की दर्जनभर सीटों पर चुनाव लड़े प्रत्याशियों ने स्थानीय नेताओं के खिलाफ शिकायतें दी हैं. जिन पर कड़ा फैसला लेना पार्टी नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती बनती दिख रही है.
अमीन खान और बालेंदु को दिखाया बाहर का रास्ता : लोकसभा चुनाव में शिव से विधायक रहे बाड़मेर के दिग्गज नेता अमीन खान ने निर्दलीय प्रत्याशी रवींद्र सिंह भाटी को खुलकर समर्थन दिया था और उनके लिए वोट भी मांगे थे. इस पर बाड़मेर-जैसलमेर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल ने शिकायत दी तो अमीन खान को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखला दिया. इसी तरह सिरोही-जालोर से पार्टी प्रत्याशी वैभव गहलोत की शिकायत पर बालेंदु सिंह शेखावत को भी छह साल के लिए पार्टी से निलंबित किया गया है.
गणेश घोघरा को भी दिया नोटिस : लोकसभा चुनाव में अनुशासनहीनता के आरोपों पर कांग्रेस ने डूंगरपुर से विधायक गणेश घोघरा को भी नोटिस दिया है. आरोप है कि गणेश घोघरा ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी राजकुमार रोत के लिए प्रचार नहीं किया. राजकुमार के समर्थन में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सभा करने पहुंचे तो गणेश घोघरा उस सभा में भी नहीं आए. ऐसे में अब घोघरा को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है.
इन प्रत्याशियों ने दी शिकायतें : चुनाव निपटने के बाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े दस प्रत्याशियों ने पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ शिकायतें दी हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, कोटा से प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल, अजमेर से प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ से प्रत्याशी कुलदीप इंदौरा और बांसवाड़ा-डूंगरपुर से गठबंधन के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने भी कांग्रेस नेताओं को शिकायत दी है. इसी कड़ी में चूरू से प्रत्याशी राहुल कस्वां, अलवर से प्रत्याशी ललित यादव, करौली-धौलपुर से प्रत्याशी भजनलाल जाटव, जयपुर से प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कई नेताओं के खिलाफ अनुशासनहीनता की शिकायत की है. उन्होंने इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
प्रत्याशी ने नामांकन वापस नहीं लिया, निष्कासित : बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर कांग्रेस के भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन को लेकर शुरू से ही विवाद रहा था. पहले गठबंधन पर बात नहीं बनी तो पार्टी के सिंबल पर अरविंद डामोर से नामांकन करवाया गया. फिर गठबंधन तय होने के बाद भी अरविंद डामोर ने नामांकन वापस नहीं लिया तो उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया. हालांकि, पार्टी ने चुनाव में बाप प्रत्याशी राजकुमार रोत के समर्थन में प्रचार किया, लेकिन अरविंद डामोर ने पंजे के सिंबल पर चुनाव लड़ा.
नागौर में चलते चुनाव में तीन को निकाला : कांग्रेस ने नागौर सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन किया और हनुमान बेनीवाल ने चुनाव लड़ा था. चुनाव से ठीक पहले बेनीवाल ने तेजपाल मिर्धा सहित कांग्रेस के कुछ नेताओं पर भाजपा के लिए प्रचार करने का आरोप लगाया. कांग्रेस आलाकमान ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तेजपाल सहित तीन नेताओं को निष्कासित कर दिया. हालांकि, बाद में तेजपाल के समर्थन में सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस छोड़ दी.
अब शिकायतों पर कार्रवाई बड़ी चुनौती : लोकसभा चुनाव के परिणाम से पहले कांग्रेस में खासा उत्साह है और पार्टी के नेताओं का दावा है कि कांग्रेस राजस्थान में डबल डिजिट में सीटें जीत रही हैं. इस बीच एक बार फिर अंतर्कलह और गुटबाजी सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं की बड़ी चिंता यह है कि इससे कैसे निपटा जाए. अब बड़े पैमाने पर प्रत्याशियों द्वारा नेताओं की शिकायत करने के बाद इन शिकायतों पर कार्रवाई पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.