जयपुर : विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में कर संग्रहण से प्राप्त राशि और डायलिसिस खरीद के सवाल जवाब के दौरान सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला. विधायक संदीप शर्मा और विपक्ष के नेताओं के बीच नोकझोंक सामने आई. इसके बाद डायलिसिस खरीद के मुद्दे पर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई तो विधानसभा अध्यक्ष को दखल देना पड़ा. विपक्ष के हंगामे के बीच अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने चेतावनी के साथ आसन की गरिमा का ध्यान रखने के निर्देश दिए. पूर्ववर्ती सरकार में हुई डायलिसिस खरीद की अनियमितता की जांच के सवाल पर सरकार ने कहा कि शिकायत आई है, जांच कराई जाएगी. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
यूं चला हंगामा: दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक संदीप शर्मा ने वर्ष 2018 से 2024 तक जीडीपी और कर संग्रहण की वर्ष वार जानकारी मांगी तो मंत्री मंजू बाघमार ने जवाब देते कहा कि 2017-18 राज्य में कुल ऋण 2 लाख 81 हजार 182 करोड़ तक था, जबकि 2023-24 में कांग्रेस सरकार में दुगने से भी अधिक बढ़ कर 5 लाख 70 हजार 646 करोड़ रुपए हो गया. बाघमार ने कहा कि 67 सालों में जितना ऋण लिया गया था, उतना पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सिर्फ पांच सालों में ले लिया. इसके बाद जैसे ही विधायक संदीप शर्मा पूरक सवाल के लिए खड़े हुए वैसे ही विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि भाषण मत दीजिए, इसके बाद संदीप शर्मा ने कहा कि मैं भाषण नहीं दे रहा हूं. मैं सिर्फ बता रहा हूं कि किस तरह से कांग्रेस की सरकार ने 5 सालों में राजस्थान को कर्ज के बोझ तले दबा दिया. इसके बाद सदन में विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायक संदीप शर्मा की बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली, जिसे विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मामला शांत कराया.
पढ़ें: विधानसभा सत्र: हरीश चौधरी को भैराराम का जवाब, महाराणा और सूरजमल के वंशजों को लड़वाना बंद करो
प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक कालीचरण सर्राफ ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय आरएमएससीएल द्वारा डायलिसिस मशीन की खरीद को लेकर प्रश्न किया तो उसका जवाब देते हुए चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि उपकरणों की जांच कराई गई थी, जांच में कोई अधिकारी दोषी नहीं पाया गया. इसके बाद सर्राफ ने पूरक सवाल करते हुए कहा कि अलग-अलग स्टेट में 12- लाख 15 लाख की डायलिसिस मशीनें खरीदी गई थी, जबकि राजस्थान में 21 लाख रुपए में डायलिसिस की मशीन खरीदी गई. फिर भी आप कह रहे हैं कि जांच में कोई दोषी नहीं पाया गया. एक दिन पहले जिस फर्म में टेंडर लगाया उसी को भी अपने वर्क आर्डर दे दिया, ये टेंडर किसके आदेश पर दिया गया? मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने 364 डायलिसिस व अन्य उपकरण खरीदे थे . 2022 में इसके प्रक्रिया शुरू हुई, अलग-अलग स्टेट की जहां तक बात है तो हो सकता है कि वहां पर अलग-अलग समय खरीदी गई, उपकरण इंपॉर्टेंट होते हैं उनमें भी अलग-अलग रेट हो सकती है. फिर भी शिकायत आएगी तो इस प्रकरण की ऑडिट करेंगे और जांच करेंगे.
मंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने बीच में सवाल किया तो स्पीकर ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि किसी सदस्य को बीच में बोलने का अधिकार नहीं है, यदि इस तरह से बीच बीच में बोलेंगे तो कार्रवाई में अंकित नहीं होगा और आसन को कार्यवाही करनी पड़ेगी.
ये भी हुए सवाल जवाब: विधानसभा प्रश्नकाल के दौरान सदन में बंधुआ श्रमिकों को मुक्त कराने का मुद्दा उठा. भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के सवाल पर मंत्री सुमित गोदारा ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्रीय क्षेत्र बंधक श्रमिक पुनर्वास योजना के तहत 3 साल में एक बार सर्वे करवाया जाता है. कोटा जयपुर और श्रीगंगानगर में स्पेशल सर्वे करवाया जा चुका है. अब उदयपुर में सर्वे किया जा रहा है. श्रमिकों को मुक्त करवा कर पुनर्वास की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के पास है. बंधुआ मुक्ति श्रमिक को तत्काल 30 हजार और 1 लाख से 3 लाख तक आर्थिक सहायता दी जाती है. इसके अलावा सदन विधानसभा क्षेत्र मांडल की पंचायत समितियां में व्यय राशि को लेकर गलत जवाब देने पर तीखी बहस देखने को मिली.
मंत्री के जवाब पर असंतुष्ट विधायक उदयलाल भड़ाना ने कहा कि जो उत्तर दिया गया है वह अधूरा है, जिस पर पंचायत राज मंत्री दिलावर ने कहा कि अगर कहीं कुछ गड़बड़ हुई है, तो उसकी जांच करवा देंगे. संबंधित पंचायत की जांच के लिए हमें बता दीजिए, हम जांच करवा देंगे. सदन में चितौड़ विधानसभा क्षेत्र में मगरा विकास योजना, विधानसभा क्षेत्र बिलाड़ा को गौशालाओं को अनुदान, करौली जिला के थानों में दर्ज प्रकरण सहित करीब डेढ़ दर्जन सवाल जवाब हुए.