जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर के तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर मुकेश कानूनगो व कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या करने के मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे पांच अभियुक्तों ओमप्रकाश, दिनेश कुमार, रामपाल, अनुज और आमिर की सजा को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इन्हें जमानत पर रिहा करने को कहा है. वहीं, अदालत ने मुख्य अभियुक्त अजय चौधरी और जगदीप के सजा निलंबन प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्तों की आपराधिक अपील में दायर प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई करते हुए दिए.
अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि वे प्रकरण में पांच साल से जेल में बंद हैं. इनके खिलाफ सीआई व कांस्टेबल पर सीधी गोली चलाने का आरोप नहीं है. नक्शा मौके से भी साबित है कि मौके पर मुख्य अभियुक्त अजय व जगदीप की ही मौजूदगी ही घटनास्थल पर मिली है. वहीं, हथियार की रिकवरी भी एफएसएल रिपोर्ट से मेल नहीं खाती. वहीं, अपील के निस्तारण में समय लगेगा, इसलिए अपील के निस्तारण तक उनकी सजा को स्थगित किया जाए.
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वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अभियुक्तों ने दो पुलिसकर्मियों की हत्या की है. ऐसे में उनकी सजा को स्थगित नहीं किया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत ने पांचों अभियुक्तों की उम्रकैद निलंबित कर दी और दो मुख्य अभियुक्तों का निलंबन प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया. गौरतलब है कि 6 अक्टूबर, 2018 की रात गश्त के दौरान अभियुक्तों ने पुलिस इंस्पेक्टर मुकेश कानूनगो व कांस्टेबल रामप्रकाश की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं, फतेहपुर की एडीजे कोर्ट ने 11 जुलाई 2023 को अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था. इस आदेश को अभियुक्तों हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.