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हाईकोर्ट ने राजस्थान स्टेट एंड हेल्थ केयर काउंसिल के चेयरमैन की नियुक्ति पर लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्टेट एंड हेल्थ केयर काउंसिल के चेयरमैन की नियुक्ति पर रोक लगाई है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

HIGH COURT STAYS THE APPOINTMENT,  APPOINTMENT OF CHAIRMAN
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्टेट एंड हेल्थ केयर काउंसिल के चेयरमैन की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में एसीएस मेडिकल एंड हेल्थ, प्रमुख विधि सचिव और डॉ. एसएस यादव से जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश सुनीता शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि भारत सरकार ने दी नेशनल कमीशन फोर अलाइड एंड हेल्थ प्रोफेशन एक्ट, 2021 पारित किया था. इसमें स्वास्थ्य सेवा की विभिन्न ब्रांच को इस एक्ट के अधीन लाया गया. इसमें मेडिकल लेबोरेट्री, रेडियोग्राफर, ईसीजी, बीपीटी, बर्न फिजियो प्रोफेशन व प्राकृतिक चिकित्सा को भी शामिल किया गया. इस एक्ट के तहत काउंसिल के चेयरमैन पद पर उसी को पात्र माना गया, जिसके पास इन सेवा में 25 साल का कार्य अनुभव व मास्टर की डिग्री हो.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में नियुक्तियां देने पर लगाई रोक

इसके बावजूद राज्य सरकार ने गत 30 अगस्त को आदेश जारी कर डॉ. एसएस यादव को काउंसिल का चेयरमैन नियुक्त कर दिया, जबकि डॉ. एसएस यादव इनमें से किसी विभाग से नहीं आते हैं. ऐसे में वे केन्द्र सरकार की 28 मार्च 2021 की गजट नोटिफिकेशन की शर्त के तहत पात्र नहीं हैं और उनकी नियुक्ति इस शर्त की अवहेलना है. चेयरमैन के पद से उसकी नियुक्ति को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने नियुक्ति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्टेट एंड हेल्थ केयर काउंसिल के चेयरमैन की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में एसीएस मेडिकल एंड हेल्थ, प्रमुख विधि सचिव और डॉ. एसएस यादव से जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश सुनीता शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि भारत सरकार ने दी नेशनल कमीशन फोर अलाइड एंड हेल्थ प्रोफेशन एक्ट, 2021 पारित किया था. इसमें स्वास्थ्य सेवा की विभिन्न ब्रांच को इस एक्ट के अधीन लाया गया. इसमें मेडिकल लेबोरेट्री, रेडियोग्राफर, ईसीजी, बीपीटी, बर्न फिजियो प्रोफेशन व प्राकृतिक चिकित्सा को भी शामिल किया गया. इस एक्ट के तहत काउंसिल के चेयरमैन पद पर उसी को पात्र माना गया, जिसके पास इन सेवा में 25 साल का कार्य अनुभव व मास्टर की डिग्री हो.

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इसके बावजूद राज्य सरकार ने गत 30 अगस्त को आदेश जारी कर डॉ. एसएस यादव को काउंसिल का चेयरमैन नियुक्त कर दिया, जबकि डॉ. एसएस यादव इनमें से किसी विभाग से नहीं आते हैं. ऐसे में वे केन्द्र सरकार की 28 मार्च 2021 की गजट नोटिफिकेशन की शर्त के तहत पात्र नहीं हैं और उनकी नियुक्ति इस शर्त की अवहेलना है. चेयरमैन के पद से उसकी नियुक्ति को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने नियुक्ति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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