जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने एकलपीठ के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसके तहत एकलपीठ ने महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नियुक्ति के लिए समान जिले का विकल्प देने वाले शिक्षक और कर्मचारियों को बोनस में दस अंक देने के प्रावधान को भेदभावपूर्ण मानते हुए रद्द कर दिया था. इसके साथ ही अदालत ने मामले में एकलपीठ के पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.
अपील में महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने विधि सम्मत तरीके से ही समान जिले में नियुक्ति के लिए दस अंक बोनस के रूप में देना तय किया है. यह सामान्य भर्ती न होकर पहले से कार्यरत शिक्षकों की भर्ती है. इसके माध्यम से पहले से नियुक्त कार्मिकों की उपयुक्तता की पहचान की जाती है. इसके अलावा भर्ती साल 2023 के नियमों से हो रही है और एकलपीठ में इस नियम को चुनौती नहीं दी गई.
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इसके बावजूद भी एकलपीठ ने बोनस अंक देने के प्रावधान को रद्द कर दिया. इसलिए एकलपीठ के आदेश को निरस्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए एकलपीठ के याचिकाकर्ताओं से जवाब तलब किया है.