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Rajasthan: हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज आवंटन को लेकर मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज आवंटन से जुड़े एक मामले में प्रमुख मेडिकल शिक्षा सचिव से जवाब मांगा है.

MEDICAL EDUCATION SECRETARY,  MEDICAL COLLEGE ALLOCATION
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2024, 8:47 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट यूजी स्ट्रे काउंसलिंग में मेडिकल कॉलेज आवंटन से जुडे़ मामले में प्रमुख मेडिकल शिक्षा सचिव सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश आदर्श धाकड़ व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि नीट यूजी की स्टेट काउंसलिंग में हर बार पहले एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए अभ्यर्थी को मेडिकल कॉलेज आवंटित किया जाता था. उसके बाद उसके दस्तावेज सत्यापन किए जाते थे, जबकि इस बार स्ट्रे राउंड में कॉलेज आवंटन से पहले दस्तावेज सत्यापन किए गए और यह प्रक्रिया भी महज तीन घंटे में पूरी कर ली गई. इसके चलते याचिकाकर्ता स्ट्रे राउंड में शामिल नहीं हो सके.

पढ़ेंः Rajasthan: हाईकोर्ट ने मेडिकल ऑफिसर डेंटल भर्ती परीक्षा परिणाम पर लगाई अंतरिम रोक

जिसके चलते उन्हें सीट आवंटन से वंचित होना पड़ा. दरअसल गत 31 अक्टूबर को स्ट्रे राउंड के तहत मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए सीट आवंटित कर दी गई, जबकि राउंड एक से तीन तक काउंसलिंग में सीट आवंटन के बाद दस्तावेज सत्यापन किए गए. याचिका में आरोप लगाया गया कि तीन घंटे के दस्तावेज सत्यापन में बिना कारण बताए कई छात्रों के दस्तावेज निरस्त कर दिए और कई छात्र दस्तावेज सत्यापन से पहले कॉलेज आवंटित होने का इंतजार ही करते रह गए. इसके चलते कम रैंक वालों को सीट आवंटित हो गई.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट यूजी स्ट्रे काउंसलिंग में मेडिकल कॉलेज आवंटन से जुडे़ मामले में प्रमुख मेडिकल शिक्षा सचिव सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश आदर्श धाकड़ व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि नीट यूजी की स्टेट काउंसलिंग में हर बार पहले एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए अभ्यर्थी को मेडिकल कॉलेज आवंटित किया जाता था. उसके बाद उसके दस्तावेज सत्यापन किए जाते थे, जबकि इस बार स्ट्रे राउंड में कॉलेज आवंटन से पहले दस्तावेज सत्यापन किए गए और यह प्रक्रिया भी महज तीन घंटे में पूरी कर ली गई. इसके चलते याचिकाकर्ता स्ट्रे राउंड में शामिल नहीं हो सके.

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जिसके चलते उन्हें सीट आवंटन से वंचित होना पड़ा. दरअसल गत 31 अक्टूबर को स्ट्रे राउंड के तहत मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए सीट आवंटित कर दी गई, जबकि राउंड एक से तीन तक काउंसलिंग में सीट आवंटन के बाद दस्तावेज सत्यापन किए गए. याचिका में आरोप लगाया गया कि तीन घंटे के दस्तावेज सत्यापन में बिना कारण बताए कई छात्रों के दस्तावेज निरस्त कर दिए और कई छात्र दस्तावेज सत्यापन से पहले कॉलेज आवंटित होने का इंतजार ही करते रह गए. इसके चलते कम रैंक वालों को सीट आवंटित हो गई.

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