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हाईकोर्ट ने हर जिले में 150 लोगों की क्षमता का वृद्धाश्रम खोलने को लेकर मांगी जानकारी - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हर जिले में 150 लोगों की क्षमता का वृद्धाश्रम खोलने को लेकर सरकार से जानकारी मांगी है.

SOUGHT INFORMATION FROM GOVERNMENT,  OPENING OF OLD AGE HOMES
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 12, 2024, 8:28 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम के तहत हर जिले में 150 लोगों की क्षमता का वृद्धाश्रम खोलने के संबंध में बजट आदि को लेकर दो सप्ताह में जानकारी मांगी है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश लोक उत्थान संस्थान की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वृद्धाश्रम खोलने के लिए 9 एनजीओ ने आवेदन किया है. वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेन्द्र सोनी ने कहा कि हर जिले में वृद्धाश्रम खोलने के बजट आदि की जानकारी नहीं दी गई है. इस पर राज्य सरकार की ओर से मामले में दो सप्ताह का समय मांगा गया. गौरतलब है कि पूर्व में राज्य सरकार ने शपथ पत्र पेश कर अदालत को जानकारी दी गई थी कि प्रदेश में चालीस वृद्धाश्रम और 16 डे केयर सेंटर खोले गए हैं.

पढ़ेंः खाद्य सुरक्षा कानून में पुलिस को कार्रवाई का अधिकार नहीं, आरोपी को अग्रिम जमानत - Rajasthan High Court

वहीं, पुलिस की ओर से तैयार वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा एप्लिकेशन भी काम कर रही है. इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए गाइड लाइन भी जारी की गई है. याचिका में वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. इसे कोर्ट ने कुछ दिशा-निर्देश जारी करते हुए निस्तारित कर दिया था. वहीं, सितंबर, 2023 में अदालत ने आदेश की पालना नहीं होने पर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे पुन: जनहित याचिका के तौर पर सुनना तय किया था.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम के तहत हर जिले में 150 लोगों की क्षमता का वृद्धाश्रम खोलने के संबंध में बजट आदि को लेकर दो सप्ताह में जानकारी मांगी है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश लोक उत्थान संस्थान की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वृद्धाश्रम खोलने के लिए 9 एनजीओ ने आवेदन किया है. वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेन्द्र सोनी ने कहा कि हर जिले में वृद्धाश्रम खोलने के बजट आदि की जानकारी नहीं दी गई है. इस पर राज्य सरकार की ओर से मामले में दो सप्ताह का समय मांगा गया. गौरतलब है कि पूर्व में राज्य सरकार ने शपथ पत्र पेश कर अदालत को जानकारी दी गई थी कि प्रदेश में चालीस वृद्धाश्रम और 16 डे केयर सेंटर खोले गए हैं.

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वहीं, पुलिस की ओर से तैयार वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा एप्लिकेशन भी काम कर रही है. इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए गाइड लाइन भी जारी की गई है. याचिका में वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. इसे कोर्ट ने कुछ दिशा-निर्देश जारी करते हुए निस्तारित कर दिया था. वहीं, सितंबर, 2023 में अदालत ने आदेश की पालना नहीं होने पर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे पुन: जनहित याचिका के तौर पर सुनना तय किया था.

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