जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वेटनरी ऑफिसर भर्ती-2019 में अपात्र अभ्यर्थियों को चयनित करने के मामले में कार्मिक सचिव, प्रमुख पशुपालन सचिव और आरपीएससी सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश राजवीर सिंह की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने आरपीएससी को कहा है कि वह याचिकाकर्ता को संबंधित अभ्यर्थियों की विस्तृत जानकारी दे, ताकि उन पर नोटिस तामील कराए जा सके.
याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने वेटनरी ऑफिसर के 900 पदों के लिए वर्ष 2019 में भर्ती निकाली थी. भर्ती विज्ञापन में आरपीएससी ने वेटनरी साइंस पाठ्यक्रम अंतिम वर्ष में शामिल अभ्यर्थियों को पात्र माना, जबकि भर्ती नियम के अनुसार पात्रता अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल होना है. आरपीएससी की गलती के चलते भर्ती में वे अभ्यर्थी भी शामिल हो गए, जिनके पास तय पात्रता ही नहीं थी.
इसके साथ ही ऐसे अभ्यर्थियों का चयन होकर उनके साक्षात्कार भी हो गए. आरपीएससी के भर्ती में अपात्रों को योग्य माने जाने को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि भर्ती नियमों में पात्रता शैक्षणिक योग्यता की अंतिम साल की परीक्षा में शामिल होना है न कि अंतिम साल में शामिल होना. वहीं, बाद की अन्य भर्ती में आरपीएससी ने पात्रता अंतिम साल की परीक्षा में शामिल होना ही माना है. ऐसे में आरपीएससी ने भर्ती नियमों की अवहेलना कर भर्ती में अपात्रों को चयनित किया है. इससे बड़ी संख्या में पात्र अभ्यर्थी प्रभावित हो रहे हैं. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.