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अनुकंपा पर नियुक्त शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा लाभ नहीं देने पर मांगा जवाब - Rajasthan High Court

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 16, 2024, 9:22 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अनुकंपा पर नियुक्त शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा लाभ नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

NOT GIVING SERVICE BENEFITS,  TEACHERS APPOINTED ON COMPASSIONATE
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा के जरिए नियुक्त हुए शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि से चयनित वेतनमान और अन्य लाभ परिलाभ नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, संयुक्त निदेशक और करौली व सवाई माधोपुर के जिला शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर बताने को कहा है कि इन शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा लाभ क्यों नहीं दिया गया है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश संतोष शर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं को अनुकंपा के आधार पर अक्टूबर 1990 व जनवरी 1991 में नियुक्ति दी गई थी. विभाग की ओर से उन्हें प्रथम नियुक्ति तिथि से ही सेवाकाल की गणना कर 9 और 18 वर्षीय चयनित वेतनमान का लाभ दे दिया गया था. वहीं, जब 27 साल का चयनित वेतनमान देने की तिथि आई तो विभाग ने इसे देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि याचिकाकर्ताओं ने बीएड परीक्षा 1997 में पास की है. याचिकाकर्ता नियुक्ति के समय अप्रशिक्षित अध्यापक थे, इसलिए इन्हें चयनित वेतनमान का लाभ वर्ष 1997 से मिलेगा.

पढ़ेंः ANM भर्ती में अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - Rajasthan High Court

इसके साथ ही विभाग ने पूर्व में दिए चयनित वेतनमानों को वापिस लेते हुए दिए गए भुगतान की वसूली निकाल दी. याचिका में कहा गया कि विभाग ने रिकवरी से पहले याचिकाकर्ताओं को नोटिस नहीं दिया. वहीं, सुनवाई का मौका दिए बिना ही कार्रवाई कर दी. याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति अनुकंपा नियुक्ति नियम, 1975 के तहत हुई थी. इस नियम के तहत अप्रशिक्षित शिक्षकों को भी पूरा वेतन और चयनित वेतनमान नियुक्ति तिथि से ही दिया जाता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा के जरिए नियुक्त हुए शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि से चयनित वेतनमान और अन्य लाभ परिलाभ नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, संयुक्त निदेशक और करौली व सवाई माधोपुर के जिला शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर बताने को कहा है कि इन शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा लाभ क्यों नहीं दिया गया है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश संतोष शर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं को अनुकंपा के आधार पर अक्टूबर 1990 व जनवरी 1991 में नियुक्ति दी गई थी. विभाग की ओर से उन्हें प्रथम नियुक्ति तिथि से ही सेवाकाल की गणना कर 9 और 18 वर्षीय चयनित वेतनमान का लाभ दे दिया गया था. वहीं, जब 27 साल का चयनित वेतनमान देने की तिथि आई तो विभाग ने इसे देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि याचिकाकर्ताओं ने बीएड परीक्षा 1997 में पास की है. याचिकाकर्ता नियुक्ति के समय अप्रशिक्षित अध्यापक थे, इसलिए इन्हें चयनित वेतनमान का लाभ वर्ष 1997 से मिलेगा.

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इसके साथ ही विभाग ने पूर्व में दिए चयनित वेतनमानों को वापिस लेते हुए दिए गए भुगतान की वसूली निकाल दी. याचिका में कहा गया कि विभाग ने रिकवरी से पहले याचिकाकर्ताओं को नोटिस नहीं दिया. वहीं, सुनवाई का मौका दिए बिना ही कार्रवाई कर दी. याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति अनुकंपा नियुक्ति नियम, 1975 के तहत हुई थी. इस नियम के तहत अप्रशिक्षित शिक्षकों को भी पूरा वेतन और चयनित वेतनमान नियुक्ति तिथि से ही दिया जाता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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