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चयन के बाद भी नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब, पद भी रिक्त रखने के आदेश - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती 2022 में चयन होने के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव समेत अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

COURT SEEKS RESPONSE,  PTI RECRUITMENT 2022
राजस्थान हाईकोर्ट. (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 19, 2024, 9:05 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती-2022 में चयन होने के बावजूद अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं के लिए पद रिक्त रखने को कहा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश कमलेश व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि चयन के बावजूद भी अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण क्यों नहीं कराया जा रहा है.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 16 जून, 2022 को पीटीआई के 5546 पदों के लिए भर्ती निकाली थी. जिसमें मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से बीपीएड या डीपीएड उत्तीर्ण होने की पात्रता रखी गई. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने भर्ती परीक्षा में शामिल होकर मेरिट में स्थान प्राप्त किया. इसके बाद उनकी काउंसलिंग कर अलवर और सवाई माधोपुर जिले भी नियुक्ति के लिए आवंटित कर दिए गए.

पढ़ेंः अदालती आदेश के बाद भी विधवा को नियुक्ति नहीं, हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस किए जारी - Rajasthan High Court

इसके बावजूद भी उन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के पास ओपीजेएस विवि से भर्ती परीक्षा से पूर्व मिली डिग्री है. यह विवि एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है और उसे वर्ष 2016-17 का सत्र चलाने की भी अनुमति है. ऐसे में उनके चयन के बाद अब नियुक्ति से वंचित करना गलत है. ऐसे में उन्हें तय जिलों में पदस्थापित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती-2022 में चयन होने के बावजूद अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं के लिए पद रिक्त रखने को कहा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश कमलेश व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि चयन के बावजूद भी अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण क्यों नहीं कराया जा रहा है.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 16 जून, 2022 को पीटीआई के 5546 पदों के लिए भर्ती निकाली थी. जिसमें मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से बीपीएड या डीपीएड उत्तीर्ण होने की पात्रता रखी गई. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने भर्ती परीक्षा में शामिल होकर मेरिट में स्थान प्राप्त किया. इसके बाद उनकी काउंसलिंग कर अलवर और सवाई माधोपुर जिले भी नियुक्ति के लिए आवंटित कर दिए गए.

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इसके बावजूद भी उन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के पास ओपीजेएस विवि से भर्ती परीक्षा से पूर्व मिली डिग्री है. यह विवि एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है और उसे वर्ष 2016-17 का सत्र चलाने की भी अनुमति है. ऐसे में उनके चयन के बाद अब नियुक्ति से वंचित करना गलत है. ऐसे में उन्हें तय जिलों में पदस्थापित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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