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हाईकोर्ट ने कार्मिक को अध्ययन अवकाश की जगह असाधारण अवकाश मंजूर करने पर मांगा जवाब - असाधारण अवकाश मंजूर

Rajasthan High Court, हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग में कार्यरत कर्मचारी को उच्च शिक्षा के लिए अध्ययन अवकाश की जगह असाधारण अवकाश मंजूर करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव व स्वास्थ्य निदेशक से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 27, 2024, 7:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग में कार्यरत कर्मचारी को उच्च शिक्षा के लिए अध्ययन अवकाश की जगह असाधारण अवकाश मंजूर करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव व स्वास्थ्य निदेशक से जवाब मांगा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत संदीप कुमार टेलर की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुआ दिया. अदालत ने चिकित्सा विभाग से पूछा है कि कर्मचारी को अध्ययन अवकाश की जगह असाधारण अवकाश क्यों दिया गया और क्यों ना उसे दिए गए अवकाश को अध्ययन अवकाश में बदल दिया जाए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को राजस्थान सेवा नियम के नियम 112 के तहत उच्च अध्ययन के लिए दो साल का अध्ययन अवकाश दिया जाता है. इसके बावजूद भी चिकित्सा निदेशक ने वर्ष 2016 में परिपत्र जारी करते हुए कैडर वाले पदों को ही अध्ययन अवकाश मंजूर करने के आदेश दे दिए. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए विभाग में अध्ययन अवकाश के लिए आवेदन किया, लेकिन विभाग ने अध्ययन अवकाश की जगह उसका असाधारण अवकाश मंजूर किया है.

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विभाग की यह कार्रवाई नियमों के विपरीत है. ऐसे में उसे दिए गए असाधारण अवकाश को अध्ययन अवकाश के रूप में बदला जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग में कार्यरत कर्मचारी को उच्च शिक्षा के लिए अध्ययन अवकाश की जगह असाधारण अवकाश मंजूर करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव व स्वास्थ्य निदेशक से जवाब मांगा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत संदीप कुमार टेलर की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुआ दिया. अदालत ने चिकित्सा विभाग से पूछा है कि कर्मचारी को अध्ययन अवकाश की जगह असाधारण अवकाश क्यों दिया गया और क्यों ना उसे दिए गए अवकाश को अध्ययन अवकाश में बदल दिया जाए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को राजस्थान सेवा नियम के नियम 112 के तहत उच्च अध्ययन के लिए दो साल का अध्ययन अवकाश दिया जाता है. इसके बावजूद भी चिकित्सा निदेशक ने वर्ष 2016 में परिपत्र जारी करते हुए कैडर वाले पदों को ही अध्ययन अवकाश मंजूर करने के आदेश दे दिए. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए विभाग में अध्ययन अवकाश के लिए आवेदन किया, लेकिन विभाग ने अध्ययन अवकाश की जगह उसका असाधारण अवकाश मंजूर किया है.

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विभाग की यह कार्रवाई नियमों के विपरीत है. ऐसे में उसे दिए गए असाधारण अवकाश को अध्ययन अवकाश के रूप में बदला जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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