जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रिटायर शिक्षक को तय समय पर पेंशन और पेंशन परिलाभ जारी नहीं करने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और पेंशन निदेशक सहित डीईओ, करौली को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता करौली जिले की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, लांगरा से गत 30 सितंबर को रिटायर हुआ था. उसे रिटायर होने के दिन ही पेंशन और पेंशन परिलाभ मिल जाने चाहिए थे, लेकिन विभाग ने उसे अभी तक पेंशन और परिलाभ नहीं दिए, जिसके चलते उसे वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की ओर से विभाग को कई बार पत्र लिखकर पेंशन जारी करने की गुहार की, लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. विभाग ने याचिकाकर्ता को एनओसी और विभागीय जांच लंबित नहीं होने का प्रमाण पत्र तो जारी कर दिया, लेकिन पेंशन व परिलाभ नहीं दिए. याचिका में कहा गया कि राजस्थान पेंशन नियम, 1996 के नियम 89 में प्रावधान है कि यदि रिटायर होने के दो माह में कर्मचारी को पेंशन नहीं दी जाती है तो विभाग उसका भुगतान ब्याज सहित करेगा.
यदि याचिकाकर्ता को पेंशन व परिलाभ जारी नहीं करने का कोई विशेष कारण होता तो भी उसे अधिकतम दो माह तक ही इससे वंचित किया जा सकता था. राज्य सरकार ने गत वर्ष जून माह में परिपत्र जारी कर रिटायर होने के दिन ही पेंशन व सभी परिलाभ दिए जाने का निर्देश जारी किया था, लेकिन विभाग इन निर्देशों की भी पालना नहीं की जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.