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हाईकोर्ट ने 187.68 करोड़ के इनपुट टैक्स क्रेडिट फर्जीवाड़े के आरोपी को अंतरिम जमानत देने किया इनकार - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने 187 करोड़ से अधिक के इनपुट टैक्स क्रेडिट फर्जीवाड़े के आरोपी की अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

COURT REFUSES TO GRANT INTERIM BAIL,  ACCUSED OF INPUT TAX CREDIT FRAUD
राजस्थान हाईकोर्ट. (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 18, 2024, 10:50 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना माल सप्लाई किए ही जाली फर्म बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने और 187.68 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा करने के आरोपी को मेडिकल ग्राउंड के आधार पर अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. जस्टिस प्रवीर भटनागर ने यह निर्देश आरोपी धीरज सिंघल के अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए दिया. आरोपी का नियमित जमानत प्रार्थना पत्र भी हाईकोर्ट में पेंडिंग चल रहा है.

आरोपी की ओर से कहा कि उसे हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा व डायबिटीज है और जेल डिस्पेंसरी में उसका इलाज चल रहा है. उसे एसएमएस अस्पताल भी रैफर किया गया था. उसका स्वास्थ्य खराब रहता है, इसलिए उसे मेडिकल ग्राउंड के आधार पर अंतरिम जमानत का लाभ दिया जाए. इसके विरोध में जीएसटी विभाग ने कहा कि मौजूदा समय में हर 11 वें व्यक्ति को डायबिटीज है और वह जानलेवा नहीं है.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने की सीआई कानूनगो और कांस्टेबल की हत्या के पांच अभियुक्तों की उम्रकैद की सजा निलंबित - Rajasthan High Court

वहीं, आजकल आरोपियों का मेडिकल ग्राउंड के आधार पर अदालतों से जमानत दिए जाने का चलन भी बढ़ा है. आरोपी के खिलाफ करोड़ों रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट फर्जीवाड़े का आरोप है. उसने बिना माल सप्लाई किए ही 47 फर्में बनाकर उन्हें इनवॉइस जारी कर दिए और इससे 134.43 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया है. आरोपी ने कुल 187.68 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया है और ऐसे में आरोपी को अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती. अदालत ने विभाग की दलीलों से सहमत होकर आरोपी की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना माल सप्लाई किए ही जाली फर्म बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने और 187.68 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा करने के आरोपी को मेडिकल ग्राउंड के आधार पर अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. जस्टिस प्रवीर भटनागर ने यह निर्देश आरोपी धीरज सिंघल के अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए दिया. आरोपी का नियमित जमानत प्रार्थना पत्र भी हाईकोर्ट में पेंडिंग चल रहा है.

आरोपी की ओर से कहा कि उसे हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा व डायबिटीज है और जेल डिस्पेंसरी में उसका इलाज चल रहा है. उसे एसएमएस अस्पताल भी रैफर किया गया था. उसका स्वास्थ्य खराब रहता है, इसलिए उसे मेडिकल ग्राउंड के आधार पर अंतरिम जमानत का लाभ दिया जाए. इसके विरोध में जीएसटी विभाग ने कहा कि मौजूदा समय में हर 11 वें व्यक्ति को डायबिटीज है और वह जानलेवा नहीं है.

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वहीं, आजकल आरोपियों का मेडिकल ग्राउंड के आधार पर अदालतों से जमानत दिए जाने का चलन भी बढ़ा है. आरोपी के खिलाफ करोड़ों रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट फर्जीवाड़े का आरोप है. उसने बिना माल सप्लाई किए ही 47 फर्में बनाकर उन्हें इनवॉइस जारी कर दिए और इससे 134.43 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया है. आरोपी ने कुल 187.68 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया है और ऐसे में आरोपी को अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती. अदालत ने विभाग की दलीलों से सहमत होकर आरोपी की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.

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