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राजस्थान हाईकोर्ट ने दीक्षांत समारोह में शामिल करने के दिए आदेश - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के दीक्षांत समारोह में शामिल करने के आदेश दिए हैं.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 9:22 PM IST

HIGH COURT ORDERS,  ORDERS TO INCLUDE THE PETITIONER
राजस्थान हाईकोर्ट. (Etv Bharat jaipur)

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा को आदेश दिए हैं कि वह 6 जुलाई को होने वाले दीक्षांत समारोह में याचिकाकर्ता छात्र को शामिल कर मेरिट के आधार पर रैंक प्रदान करे. इसके साथ ही अदालत ने सत्र 2021-22 के एमटेक सिविल ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम का गोल्ड मेडल दूसरे छात्र को देने को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है. अदालत ने कहा है कि गोल्ड मेडल के लिए चयनित दूसरे छात्र को याचिका में पक्षकार बनाया जाए. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश अंकित नागरवाल की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने सत्र 2021-22 के एमटेक सिविल ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में 89 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं, जबकि दूसरे छात्र अतुल कुमार ने 85.89 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता को अपना प्रजेंनटेशन 31 दिसंबर, 2023 तक देना था, लेकिन बाहर से आने वाले वीक्षक के चलते वह 9 जनवरी को अपना प्रजेंनटेशन दे पाया.

पढ़ेंः RTU के दीक्षांत समारोह में 44 विद्यार्थियों को मिलेगा गोल्ड मेडल, सूची में 22 छात्राओं का नाम - 13th Convocation Of RTU

ऐसे में देरी होने में याचिकाकर्ता की गलती नहीं है. आरटीयू की ओर से छह जुलाई को दीक्षांत समारोह आयोजित कर मेरिट में आने वालों को गोल्ड मेडल दिए जाने हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता को भी दीक्षांत समारोह में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को दीक्षांत समारोह में शामिल करने के आदेश देते हुए अन्य छात्र को दिए जाने वाले गोल्ड मेडल को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा को आदेश दिए हैं कि वह 6 जुलाई को होने वाले दीक्षांत समारोह में याचिकाकर्ता छात्र को शामिल कर मेरिट के आधार पर रैंक प्रदान करे. इसके साथ ही अदालत ने सत्र 2021-22 के एमटेक सिविल ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम का गोल्ड मेडल दूसरे छात्र को देने को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है. अदालत ने कहा है कि गोल्ड मेडल के लिए चयनित दूसरे छात्र को याचिका में पक्षकार बनाया जाए. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश अंकित नागरवाल की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने सत्र 2021-22 के एमटेक सिविल ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में 89 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं, जबकि दूसरे छात्र अतुल कुमार ने 85.89 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता को अपना प्रजेंनटेशन 31 दिसंबर, 2023 तक देना था, लेकिन बाहर से आने वाले वीक्षक के चलते वह 9 जनवरी को अपना प्रजेंनटेशन दे पाया.

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ऐसे में देरी होने में याचिकाकर्ता की गलती नहीं है. आरटीयू की ओर से छह जुलाई को दीक्षांत समारोह आयोजित कर मेरिट में आने वालों को गोल्ड मेडल दिए जाने हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता को भी दीक्षांत समारोह में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को दीक्षांत समारोह में शामिल करने के आदेश देते हुए अन्य छात्र को दिए जाने वाले गोल्ड मेडल को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.

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