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Rajasthan: हाईकोर्ट ने प्लेसमेंट एजेंसी से लगे संविदा कर्मियों को हटाने पर लगाई अंतरिम रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्लेसमेंट एजेंसी से लगे संविदा कर्मियों को हटाने पर लगाई अंतरिम रोक.

COURT IMPOSED INTERIM STAY,  STAY ON REMOVAL CONTRACT WORKERS
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए विभिन्न पदों पर लगे संविदा कर्मियों को हटाने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक, निदेशक जन स्वास्थ्य और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है. जस्टिस विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने यह आदेश सौरभ शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता बीते कई सालों से प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए स्वास्थ्य विभाग में लैब टेक्नीशियन, सहायक रेडियोग्राफर और फार्मासिस्ट सहित विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं. इस दौरान उनका कार्य संतोषजनक रहा है. वहीं, अब विभाग उन्हें हटाकर दूसरे संविदाकर्मियों को नियुक्त कर रहा है.

पढ़ेंः Rajasthan: हाईकोर्ट ने मेडिकल ऑफिसर डेंटल भर्ती परीक्षा परिणाम पर लगाई अंतरिम रोक

याचिका में इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता स्वीकृत पदों पर काम कर रहे हैं. ऐसे में जब तक इन पदों पर नियमित भर्ती से नियुक्ति नहीं होती, तब तक एक संविदा कर्मी को हटाकर दूसरे संविदा कर्मी की नियुक्ति नहीं की जा सकती है, इसलिए याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को पद से हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए विभिन्न पदों पर लगे संविदा कर्मियों को हटाने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक, निदेशक जन स्वास्थ्य और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है. जस्टिस विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने यह आदेश सौरभ शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता बीते कई सालों से प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए स्वास्थ्य विभाग में लैब टेक्नीशियन, सहायक रेडियोग्राफर और फार्मासिस्ट सहित विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं. इस दौरान उनका कार्य संतोषजनक रहा है. वहीं, अब विभाग उन्हें हटाकर दूसरे संविदाकर्मियों को नियुक्त कर रहा है.

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याचिका में इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता स्वीकृत पदों पर काम कर रहे हैं. ऐसे में जब तक इन पदों पर नियमित भर्ती से नियुक्ति नहीं होती, तब तक एक संविदा कर्मी को हटाकर दूसरे संविदा कर्मी की नियुक्ति नहीं की जा सकती है, इसलिए याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को पद से हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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