जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 11 साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी कांस्टेबल भर्ती से जुडे़ मामले में जवाब पेश नहीं करने पर केंद्र सरकार और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) पर 1.25 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. अदालत ने हर्जाना राशि जमा होने की सूरत में इन्हें जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश वीरेन्द्र सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि इतना समय बीतने के बाद भी आज तक जवाब पेश नहीं किया गया है और आज भी जवाब देने के लिए समय मांगा जा रहा है. अदालत ने कहा कि एसएससी के इस सुस्त रवैए के लिए नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता, लेकिन न्यायहित में हर्जाना जमा कराने की शर्त पर जवाब के लिए समय दिया जा रहा है. अदालत ने कहा कि एक बेरोजगार व्यक्ति जिसने लिखित परीक्षा और दक्षता परीक्षा पास कर ली, वह पिछले 12 साल से नियुक्ति का इंतजार सिर्फ इसलिए कर रहा है कि कोर्ट में लंबित मामले में जवाब पेश नहीं किया गया.
मामले के अनुसार वीरेन्द्र सिंह ने वर्ष 2011 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसने एसएससी की ओर से ओर से आयोजित कांस्टेबल जीडी की लिखित और दक्षता परीक्षा पास की है, लेकिन आयोग उसे मेडिकल के लिए नहीं बुला रहा है. मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए अदालत ने केन्द्र सरकार, एसएससी और बीएसएफ को नोटिस जारी कर नियुक्तियों को याचिका के अधीन रखा था. पूर्व में सुनवाई के दौरान बीएसएफ की ओर से जवाब पेश कर कहा गया कि उनकी ओर से दक्षता परीक्षा आयोजित कर एसएससी को रिपोर्ट भेज दी थी. इसके बाद भर्ती में उनकी भूमिका नहीं थी.