ETV Bharat / state

एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए सीट रहे रिक्त तो मेरिट के आधार पर दे सकते हैं प्रवेश- हाईकोर्ट - RAJASTHAN HIGH COURT

नीट यूजी स्ट्रे राउंड काउंसलिंग से जुड़े मामले में याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका (ETV Bharat File Photo)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 7, 2024, 8:43 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट यूजी स्ट्रे राउंड काउंसलिंग से जुड़े मामले में दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. हालांकि, अदालत ने कहा है कि यदि फीस आदि जमा नहीं कराने के कारण यदि सीटें खाली रहती हैं तो उसे मेरिट के आधार पर याचिकाकर्ताओं से भरा जा सकता है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश संजय चौधरी व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

याचिकाओं में कहा गया कि नीट यूजी की काउंसलिंग में हर बार पहले एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए अभ्यर्थी को मेडिकल कॉलेज आवंटित किया जाता था और उसके बाद उसके दस्तावेज सत्यापन किए जाते थे, जबकि इस बार स्ट्रे राउंड में कॉलेज आवंटन से पहले दस्तावेज सत्यापन किए गए और यह प्रक्रिया भी महज तीन घंटे में पूरी कर ली गई. इसके चलते याचिकाकर्ता स्ट्रे राउंड में शामिल नहीं हो सके. ऐसे में उन्हें सीट आवंटन से वंचित होना पड़ा. वहीं, प्रदेश से बाहर के अभ्यर्थियों को भी सीटें आवंटित नहीं की जा सकती हैं.

इसे भी पढ़ें- Rajasthan: सेंट्रल काउंसलिंग का स्ट्रे वैकेंसी राउंड का प्रोविजनल सीट अलॉटमेंट जारी, 25050 पर जनरल MBBS व 19454 पर मिला AIIMS

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता काउंसलिंग के लिए मौके पर पहुंचे ही नहीं थे. ऐसे में उनकी ओर से यह नहीं कहा जा सकता कि तीन घंटे काउंसलिंग के लिए कम थे, जो अभ्यर्थी काउंसलिंग के लिए पहुंचे थे, उनमें से एक भी अभ्यर्थी ने कम समय होने की शिकायत नहीं की. इसके अलावा प्रदेश के अभ्यर्थियों को सीट आवंटन होने के बाद सीट खाली होने की स्थिति में ही दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को सीट आवंटित की जा रही हैं. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट यूजी स्ट्रे राउंड काउंसलिंग से जुड़े मामले में दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. हालांकि, अदालत ने कहा है कि यदि फीस आदि जमा नहीं कराने के कारण यदि सीटें खाली रहती हैं तो उसे मेरिट के आधार पर याचिकाकर्ताओं से भरा जा सकता है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश संजय चौधरी व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

याचिकाओं में कहा गया कि नीट यूजी की काउंसलिंग में हर बार पहले एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए अभ्यर्थी को मेडिकल कॉलेज आवंटित किया जाता था और उसके बाद उसके दस्तावेज सत्यापन किए जाते थे, जबकि इस बार स्ट्रे राउंड में कॉलेज आवंटन से पहले दस्तावेज सत्यापन किए गए और यह प्रक्रिया भी महज तीन घंटे में पूरी कर ली गई. इसके चलते याचिकाकर्ता स्ट्रे राउंड में शामिल नहीं हो सके. ऐसे में उन्हें सीट आवंटन से वंचित होना पड़ा. वहीं, प्रदेश से बाहर के अभ्यर्थियों को भी सीटें आवंटित नहीं की जा सकती हैं.

इसे भी पढ़ें- Rajasthan: सेंट्रल काउंसलिंग का स्ट्रे वैकेंसी राउंड का प्रोविजनल सीट अलॉटमेंट जारी, 25050 पर जनरल MBBS व 19454 पर मिला AIIMS

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता काउंसलिंग के लिए मौके पर पहुंचे ही नहीं थे. ऐसे में उनकी ओर से यह नहीं कहा जा सकता कि तीन घंटे काउंसलिंग के लिए कम थे, जो अभ्यर्थी काउंसलिंग के लिए पहुंचे थे, उनमें से एक भी अभ्यर्थी ने कम समय होने की शिकायत नहीं की. इसके अलावा प्रदेश के अभ्यर्थियों को सीट आवंटन होने के बाद सीट खाली होने की स्थिति में ही दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को सीट आवंटित की जा रही हैं. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.