जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने दर्जनों कंपनियां बनाकर बिना माल भेजे करोड़ों रुपए के जीएसटी आईटीसी को पास ऑन करने वाले आरोपी धीरज सिंघल को जमानत देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस शुभा मेहता की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि आरोपी ने योजनाबद्ध तरीके से अपराध किया है. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.
जमानत याचिका में कहा गया कि डीजीजीआई ने गत 7 फरवरी को उसके आवास और कार्यालय पर 23 घंटे सर्च कार्रवाई की थी. इसमें दोषी ठहराई जाने वाली कोई भी सामग्री नहीं मिली. उसके स्वयं के बयान के आधार पर उसके खिलाफ मामला बनाया गया है. मौके का कोई स्वतंत्र गवाह भी नहीं है. वहीं, प्रकरण में फर्जी कंपनियों को लेकर कोई रिकॉर्ड नहीं है.
इसके अलावा मामले में आरोप पत्र भी पेश हो चुका है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए डीजीजीआई की ओर से कहा गया कि आरोपी ने करीब 47 फर्जी कंपनियां बनाकर 190 करोड़ रुपए की मिथ्या आईटीसी पास ऑन की है. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है.