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कार्य ग्रहण करने के लिए समय मांगा तो उम्मीदवारी कर दी निरस्त, हाईकोर्ट ने दिया नोटिस - Rajasthan High Court

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 28, 2024, 8:50 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में कार्य ग्रहण करने के लिए समय मांगने पर उम्मीदवारी निरस्त करने को लेकर अधिकारियों से जवाब मांगा है.

HIGH COURT HAS ISSUED NOTICE,  NOTICE TO EDUCATION SECRETARY
हाईकोर्ट ने दिया नोटिस. (ETV Bharat gfx)

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में महिला अभ्यर्थी की उम्मीदवारी निरस्त करने पर शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और सीकर जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता की नियुक्ति को याचिका के निर्णयाधीन रखा है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश हिना सुमन की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

उम्मीदवारी कर दी निरस्तः याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पटवारी के तौर पर कार्यरत है. उसका बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक के पद पर गत जून माह में चयन हुआ था. यह पद ग्रहण करने के लिए उसने विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी ले लिया था. याचिकाकर्ता को पांच जुलाई तक नए पद को ग्रहण करना था. उसने पद ग्रहण करने की समय सीमा बढ़ाने के लिए विभाग विभाग के अधिकारियों से गुहार की, लेकिन विभाग ने अवधि बढ़ाने के बजाए उसकी उम्मीदवारी को ही निरस्त कर दिया.

पढ़ेंः सूचना सहायक भर्ती के टाइप टेस्ट में शामिल करने के आदेश - Rajasthan High Court

कोर्ट ने किया जवाब तलबः इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता ने स्वास्थ्य कारणों के चलते पांच जुलाई को पद ग्रहण करने की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन विभाग ने उसकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी. कार्मिक विभाग के परिपत्र के अनुसार ऐसे मामलों में कार्यग्रहण अवधि बढ़ाई जाती है. वहीं, समान परिस्थिति और अन्य विभागों ने पूर्व में भी कई अभ्यर्थियों के कार्यग्रहण करने की अवधि को बढ़ाया है. ऐसे में विभाग की ओर से उसकी उम्मीदवारी को निरस्त करने की कार्रवाई गलत है. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता की नियुक्ति को याचिका के निर्णयाधीन रखा है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में महिला अभ्यर्थी की उम्मीदवारी निरस्त करने पर शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और सीकर जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता की नियुक्ति को याचिका के निर्णयाधीन रखा है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश हिना सुमन की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

उम्मीदवारी कर दी निरस्तः याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पटवारी के तौर पर कार्यरत है. उसका बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक के पद पर गत जून माह में चयन हुआ था. यह पद ग्रहण करने के लिए उसने विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी ले लिया था. याचिकाकर्ता को पांच जुलाई तक नए पद को ग्रहण करना था. उसने पद ग्रहण करने की समय सीमा बढ़ाने के लिए विभाग विभाग के अधिकारियों से गुहार की, लेकिन विभाग ने अवधि बढ़ाने के बजाए उसकी उम्मीदवारी को ही निरस्त कर दिया.

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कोर्ट ने किया जवाब तलबः इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता ने स्वास्थ्य कारणों के चलते पांच जुलाई को पद ग्रहण करने की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन विभाग ने उसकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी. कार्मिक विभाग के परिपत्र के अनुसार ऐसे मामलों में कार्यग्रहण अवधि बढ़ाई जाती है. वहीं, समान परिस्थिति और अन्य विभागों ने पूर्व में भी कई अभ्यर्थियों के कार्यग्रहण करने की अवधि को बढ़ाया है. ऐसे में विभाग की ओर से उसकी उम्मीदवारी को निरस्त करने की कार्रवाई गलत है. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता की नियुक्ति को याचिका के निर्णयाधीन रखा है.

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