जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुकदमों की सुनवाई के दौरान अदालतों में लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर पेश जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश हर्षित दूदावत की ओर से पेश जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान में सभी पक्षकारों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की सुविधा दी गई है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में किसी भी तरह का आदेश देने से इनकार करते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को संविधान के तहत दिए गए अधिकार के आधार पर हाईकोर्ट में चल रही अदालती कार्रवाई के बारे में वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है. कानून का प्रमुख सिद्धांत है कि न्याय न केवल सार्वजनिक रूप से किया जाना चाहिए, बल्कि यह दिखाई भी दिया जाना चाहिए. ऐसे में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के का सर्वोत्तम तरीका मुकदमों की लाइव स्ट्रीमिंग करना है. इसके चलते सभी वकीलों के तथ्यों और सुना जा सकता है और न्यायाधीशों व वकीलों के बीच हुई बातचीत की जानकारी भी मिल सकती है.
ऐसा करने से न्यायपालिका की कार्यप्रणाली को लेकर विश्वास बढे़गा. याचिका में यह भी कहा गया कि न्यायालय के निर्णय से देश के प्रत्येक नागरिक व निवासी प्रभावित होते हैं, ऐसे में उन्हें निर्णय लेने के दौरान की कार्रवाई को देखने का अधिकार है. याचिका में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट सहित अनेक हाईकोर्ट भी लाइव स्ट्रीमिंग के पक्ष में आदेश दे चुके हैं. याचिका में गुहार की गई कि लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर नियम बनाए जाएं और मुकदमों की सुनवाई के दौरान लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था को लेकर कार्रवाई की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया है.