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फैमिली कोर्ट अन्य अदालतों से अलग, इसका भवन न केवल अच्छा हो बल्कि परिवार के लिए भी उचित हो व्यवस्था-सीजे श्रीवास्तव - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने फैमिली कोर्ट के अलग भवन के भूमि पूजन समारोह में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि फैमिली कोर्ट की प्रक्रिया अन्य न्यायलयों से अलग होती है.

CHIEF JUSTICE MM SRIVASTAVA,  BUILDING OF THE FAMILY COURT
राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने फैमिली कोर्ट के अलग भवन के भूमि पूजन समारोह में भाग लिया.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 27, 2024, 8:55 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने बुधवार को फैमिली कोर्ट के अलग भवन के लिए भूमि पूजन समारोह में भाग लिया. इस दौरान वकीलों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि फैमिली कोर्ट पारिवारिक मामलों के निस्तारण के लिए बने हैं. यहां की प्रक्रिया अन्य न्यायालयों से अलग होती है. यहां वकील, काउंसलर और जज पक्षकारों में सुलह का प्रयास करते हैं. इन अदालतों में बच्चों की अभिरक्षा के मामले भी आते हैं, जिसके चलते इन अदालतों में परिवार के लोग भी आते हैं.

ऐसे में फैमिली कोर्ट का भवन न केवल अच्छा हो, बल्कि आने वाले परिवार के लोगों के बैठने के लिए भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. फैमिली कोर्ट का अपना अलग से भवन भी होना चाहिए. सीजे श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान में फैमिली विवाद के प्रकरण बढ़ रहे हैं, इसलिए अदालतों की संख्या भी बढ़ रही है, इसलिए कोर्ट के भवन का निर्माण भी उसी गति से होना जरूरी है.

पढ़ेंः अदालती आदेश की पालना के लिए मुख्य सचिव हर विभाग में शिकायत निवारण कमेटी बनाएं- हाईकोर्ट - Rajasthan High Court

सीजे ने आश्वस्त किया कि भवन निर्माण को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी. फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस शेखावत ने बताया कि महिला आयोग की बिल्डिंग के पास करीब एक बीघा जमीन में फैमिली कोर्ट बनना प्रस्तावित है. इसके लिए 19 करोड़ रुपए से बेसमेंट सहित बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा. अब तक फैमिली कोर्ट महिला आयोग की बिल्डिंग में चल रहा था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने बुधवार को फैमिली कोर्ट के अलग भवन के लिए भूमि पूजन समारोह में भाग लिया. इस दौरान वकीलों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि फैमिली कोर्ट पारिवारिक मामलों के निस्तारण के लिए बने हैं. यहां की प्रक्रिया अन्य न्यायालयों से अलग होती है. यहां वकील, काउंसलर और जज पक्षकारों में सुलह का प्रयास करते हैं. इन अदालतों में बच्चों की अभिरक्षा के मामले भी आते हैं, जिसके चलते इन अदालतों में परिवार के लोग भी आते हैं.

ऐसे में फैमिली कोर्ट का भवन न केवल अच्छा हो, बल्कि आने वाले परिवार के लोगों के बैठने के लिए भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. फैमिली कोर्ट का अपना अलग से भवन भी होना चाहिए. सीजे श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान में फैमिली विवाद के प्रकरण बढ़ रहे हैं, इसलिए अदालतों की संख्या भी बढ़ रही है, इसलिए कोर्ट के भवन का निर्माण भी उसी गति से होना जरूरी है.

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सीजे ने आश्वस्त किया कि भवन निर्माण को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी. फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस शेखावत ने बताया कि महिला आयोग की बिल्डिंग के पास करीब एक बीघा जमीन में फैमिली कोर्ट बनना प्रस्तावित है. इसके लिए 19 करोड़ रुपए से बेसमेंट सहित बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा. अब तक फैमिली कोर्ट महिला आयोग की बिल्डिंग में चल रहा था.

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