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राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवीक्षा काल में किए जेईएन के तबादले पर लगाई रोक - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए परिवीक्षा काल में हुए ट्रांसफर के क्रियांविति पर रोक लगा दी है.

HIGH COURT BANS TRANSFER,  TRANSFER OF JEN
राजस्थान हाईकोर्ट .
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 27, 2024, 8:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवीक्षा काल में चल रहे जेईएन के तबादला आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार सहित पीएचईडी विभाग से जवाब देने को कहा है. अदालत ने पूछा है कि जब परिवीक्षा काल में तबादला नहीं किया जाता तो याचिकाकर्ता का तबादला क्यों किया गया?. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश शिवानी की याचिका पर दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सामान्य तौर पर राज्य सरकार के हर विभाग के तबादला आदेश में यह नोट डाला जाता है कि यदि कोई कर्मचारी परिवीक्षा काल में है तो उस पर तबादला आदेश प्रभावी नहीं होगा. इसके बावजूद याचिकाकर्ता के तबादला आदेश में इस तरह का कोई भी नोट नहीं डाला गया है. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति दिसंबर 2022 में दो साल के परिवीक्षा काल पर हिंडौन में हुई थी, लेकिन दो साल का प्रोबेशन समय पूरा हुए बिना ही फरवरी 2024 में उसका तबादला गंगापुर कर दिया गया.

पढ़ेंः अलवर नगर परिषद की सभापति के बर्खास्तगी आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक - Rajasthan High Court

इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि प्रोबेशन पीरियड में किसी भी कर्मचारी का ट्रांसफर करने का नियम नहीं है. ऐसे में याचिकाकर्ता के ट्रांसफर आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए तबादला आदेश पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवीक्षा काल में चल रहे जेईएन के तबादला आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार सहित पीएचईडी विभाग से जवाब देने को कहा है. अदालत ने पूछा है कि जब परिवीक्षा काल में तबादला नहीं किया जाता तो याचिकाकर्ता का तबादला क्यों किया गया?. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश शिवानी की याचिका पर दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सामान्य तौर पर राज्य सरकार के हर विभाग के तबादला आदेश में यह नोट डाला जाता है कि यदि कोई कर्मचारी परिवीक्षा काल में है तो उस पर तबादला आदेश प्रभावी नहीं होगा. इसके बावजूद याचिकाकर्ता के तबादला आदेश में इस तरह का कोई भी नोट नहीं डाला गया है. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति दिसंबर 2022 में दो साल के परिवीक्षा काल पर हिंडौन में हुई थी, लेकिन दो साल का प्रोबेशन समय पूरा हुए बिना ही फरवरी 2024 में उसका तबादला गंगापुर कर दिया गया.

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इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि प्रोबेशन पीरियड में किसी भी कर्मचारी का ट्रांसफर करने का नियम नहीं है. ऐसे में याचिकाकर्ता के ट्रांसफर आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए तबादला आदेश पर रोक लगा दी है.

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