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प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग भर्ती को लेकर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

BANS PUNITIVE ACTION,  ACTION AGAINST PROTESTING WOMEN
राजस्थान हाईकोर्ट. (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 9:38 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 2022 में स्वास्थ्य भवन के बाहर नर्सिंग भर्ती को लेकर प्रदर्शन करने वाली याचिकाकर्ता महिलाओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने निचली अदालत को कहा है कि वह प्रकरण में अंतिम आदेश पारित न करे. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश संतरा धाकड़ और रजनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि प्रकरण की एफआईआर के अनुसार रैली में सौ से अधिक लोग मौजूद थे. इसके बावजूद भी पुलिस ने सिर्फ छह लोगों के खिलाफ ही आरोप पत्र पेश किया. इसके अलावा प्रकरण में एक भी स्वतंत्र गवाह नहीं है. पुलिस ने जानबूझकर याचिकाकर्ताओं को प्रकरण में फंसाया है. ऐसे में आरोप पत्र को रद्द किया जाए.

पढ़ेंः सीएम का PA बनकर बोर्ड सचिव को धमकाने के मामले में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक - Rajasthan High Court

जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाई है. मामले के अनुसार 10 नवंबर, 2022 को एसआई कविता यादव ने रिपोर्ट दर्ज कराई की स्वास्थ्य भवन के बाहर संविदा नर्सेज एसोसिएशन के नेतृत्व में याचिकाकर्ता सहित करीब सौ लड़के-लड़कियां स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती के पद बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. उनके पास धरना-प्रदर्शन की अनुमति भी नहीं है. इसके बावजूद भी उन्होंने स्वास्थ्य भवन के बाहर रास्ता जाम कर दिया और समझाइश के बाद भी नहीं माने.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 2022 में स्वास्थ्य भवन के बाहर नर्सिंग भर्ती को लेकर प्रदर्शन करने वाली याचिकाकर्ता महिलाओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने निचली अदालत को कहा है कि वह प्रकरण में अंतिम आदेश पारित न करे. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश संतरा धाकड़ और रजनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि प्रकरण की एफआईआर के अनुसार रैली में सौ से अधिक लोग मौजूद थे. इसके बावजूद भी पुलिस ने सिर्फ छह लोगों के खिलाफ ही आरोप पत्र पेश किया. इसके अलावा प्रकरण में एक भी स्वतंत्र गवाह नहीं है. पुलिस ने जानबूझकर याचिकाकर्ताओं को प्रकरण में फंसाया है. ऐसे में आरोप पत्र को रद्द किया जाए.

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जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाई है. मामले के अनुसार 10 नवंबर, 2022 को एसआई कविता यादव ने रिपोर्ट दर्ज कराई की स्वास्थ्य भवन के बाहर संविदा नर्सेज एसोसिएशन के नेतृत्व में याचिकाकर्ता सहित करीब सौ लड़के-लड़कियां स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती के पद बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. उनके पास धरना-प्रदर्शन की अनुमति भी नहीं है. इसके बावजूद भी उन्होंने स्वास्थ्य भवन के बाहर रास्ता जाम कर दिया और समझाइश के बाद भी नहीं माने.

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