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लोक अभियोजक के पदों पर राजनीतिक नियुक्तियां देने पर मांगा जवाब - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

HC on Political Appointments, राजस्थान हाईकोर्ट ने लोक अभियोजक के पदों पर राजनीतिक नियुक्तियां देने पर जवाब मांगा है. यहां जानिए पूरा मामला...

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 8, 2024, 9:17 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट की प्रदेश की सत्र अदालतों में लोक अभियोजकों के पदों पर नए कानूनी प्रावधानों के विपरीत जाकर राजनीतिक नियुक्तियां करने पर मुख्य सचिव, एसीएस गृह और प्रमुख विधि सचिव से जवाब तलब किया है. जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश राजस्थान अभियोजन अधिकारी संघ की याचिका पर दिया.

याचिका में कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत जिन राज्यों में लोक अभियोजक का पद है, वहां इन पदों को इस कैडर के अधिकारियों से ही पदोन्नति के जरिए भरा जा सकता है. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विधि विभाग की ओर से पुरानी प्रथा के अनुसार ही जिला कलेक्टर व जिला न्यायाधीश की सिफारिशों पर लोक अभियोजक के पद पर नियुक्तियां की जा रही हैं.

पढे़ं : कांस्टेबल से शिक्षक सहित अन्य सेवा में जाने वालों से पूर्व वेतन की वसूली गलत-हाईकोर्ट - Rajasthan High Court

इन नियुक्तियों में योग्यता नहीं, बल्कि राजनीतिक संबंधों को देखा जाता है. सुप्रीम कोर्ट भी इस संबंध में गंभीर टिप्पणी कर चुका है. वहीं, 23 मई को अभियोजन अधिकारी संघ ने भी एसीएस होम को पत्र लिखकर कहा था कि कानून की अवहेलना कर लोक अभियोजक व शेष लोक अभियोजकों के पदों पर नियुक्तियां नहीं करें, लेकिन इसके बावजूद भी ना तो उन्होंने इसका कोई जवाब दिया और ना ही पुराने प्रावधानों पर हो रही नियुक्तियों को ही स्थगित किया है. इसलिए नए कानूनी प्रावधानों के जरिए ही लोक अभियोजक व विशेष लोक अभियोजक के पदों पर नियुक्तियां की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट की प्रदेश की सत्र अदालतों में लोक अभियोजकों के पदों पर नए कानूनी प्रावधानों के विपरीत जाकर राजनीतिक नियुक्तियां करने पर मुख्य सचिव, एसीएस गृह और प्रमुख विधि सचिव से जवाब तलब किया है. जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश राजस्थान अभियोजन अधिकारी संघ की याचिका पर दिया.

याचिका में कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत जिन राज्यों में लोक अभियोजक का पद है, वहां इन पदों को इस कैडर के अधिकारियों से ही पदोन्नति के जरिए भरा जा सकता है. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विधि विभाग की ओर से पुरानी प्रथा के अनुसार ही जिला कलेक्टर व जिला न्यायाधीश की सिफारिशों पर लोक अभियोजक के पद पर नियुक्तियां की जा रही हैं.

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इन नियुक्तियों में योग्यता नहीं, बल्कि राजनीतिक संबंधों को देखा जाता है. सुप्रीम कोर्ट भी इस संबंध में गंभीर टिप्पणी कर चुका है. वहीं, 23 मई को अभियोजन अधिकारी संघ ने भी एसीएस होम को पत्र लिखकर कहा था कि कानून की अवहेलना कर लोक अभियोजक व शेष लोक अभियोजकों के पदों पर नियुक्तियां नहीं करें, लेकिन इसके बावजूद भी ना तो उन्होंने इसका कोई जवाब दिया और ना ही पुराने प्रावधानों पर हो रही नियुक्तियों को ही स्थगित किया है. इसलिए नए कानूनी प्रावधानों के जरिए ही लोक अभियोजक व विशेष लोक अभियोजक के पदों पर नियुक्तियां की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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