ETV Bharat / state

अतिरिक्त गृह सचिव पेश होकर बताएं कि अदालती आदेश की पालना क्यों नहीं हुई - Rajasthan High Court

HC on Additional Chief Secretary, हाईकोर्ट ने अतिरिक्त गृह सचिव को कहा है कि पेश होकर बताएं कि अदालती आदेश की पालना क्यों नहीं हुई. यहां जानिए पूरा मामला...

Rajasthan High Court
Rajasthan High Court
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 24, 2024, 6:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस निरीक्षक पद से आरपीएस जूनियर स्केल पर पदोन्नति से जुडे मामले में अदालती आदेश के कई माह बाद भी पालना नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 2 मई को अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को पेश होकर इस संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश अनिल कुमार जसोरिया की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि आदेश की पालना कर ली जाती है तो एसीएस को पेश होने की आवश्यकता नहीं है. अवमानना याचिका में अधिवक्ता नमोनारायण शर्मा ने अदालत को बताया कि पुलिस निरीक्षक पद पर कार्यरत याचिकाकर्ता को परिनिंदा के दंड के चलते वर्ष 2022-23 की आरपीएस जूनियर स्केल पद पर पदोन्नति नहीं दी थी, जिसे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

पढ़ें : वसीयत से छेड़छाड़ मामला: पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह के खिलाफ चल रही अदालती कार्रवाई रद्द - Bundi Royal Family Property Dispute

हाईकोर्ट ने 24 मई 2022 को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को डीपीसी में शामिल करने को कहा था. इसके बाद 25 नवंबर 2022 को आयोजित डीपीसी में उसे प्रमोशन के लिए पात्र माना था. इसके बावजूद भी डीपीसी के परिणाम को सीलबंद लिफाफे में रखा गया. याचिका में कहा गया कि अदालत ने 21 अगस्त 2023 को आदेश देते हुए लिफाफा खोलकर याचिकाकर्ता के पात्र होने पर उसे पदोन्नति देने को कहा था.

अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के इतने माह बीतने के बाद भी अब तक उसे पदोन्नत नहीं किया गया है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता बीएस छाबा ने आदेश की पालना के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने 2 मई तक पालना नहीं होने पर अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस निरीक्षक पद से आरपीएस जूनियर स्केल पर पदोन्नति से जुडे मामले में अदालती आदेश के कई माह बाद भी पालना नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 2 मई को अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को पेश होकर इस संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश अनिल कुमार जसोरिया की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि आदेश की पालना कर ली जाती है तो एसीएस को पेश होने की आवश्यकता नहीं है. अवमानना याचिका में अधिवक्ता नमोनारायण शर्मा ने अदालत को बताया कि पुलिस निरीक्षक पद पर कार्यरत याचिकाकर्ता को परिनिंदा के दंड के चलते वर्ष 2022-23 की आरपीएस जूनियर स्केल पद पर पदोन्नति नहीं दी थी, जिसे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

पढ़ें : वसीयत से छेड़छाड़ मामला: पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह के खिलाफ चल रही अदालती कार्रवाई रद्द - Bundi Royal Family Property Dispute

हाईकोर्ट ने 24 मई 2022 को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को डीपीसी में शामिल करने को कहा था. इसके बाद 25 नवंबर 2022 को आयोजित डीपीसी में उसे प्रमोशन के लिए पात्र माना था. इसके बावजूद भी डीपीसी के परिणाम को सीलबंद लिफाफे में रखा गया. याचिका में कहा गया कि अदालत ने 21 अगस्त 2023 को आदेश देते हुए लिफाफा खोलकर याचिकाकर्ता के पात्र होने पर उसे पदोन्नति देने को कहा था.

अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के इतने माह बीतने के बाद भी अब तक उसे पदोन्नत नहीं किया गया है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता बीएस छाबा ने आदेश की पालना के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने 2 मई तक पालना नहीं होने पर अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.