जयपुर. प्रदेशभर में नशीली दवाओं के अवैध कारोबार और दुरूपयोग रोकने के लिए 4 मार्च से 18 मार्च तक 15 दिन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में ड्रग कंट्रोलर अधिकारियों ने नशे के कारोबार में लिप्त दवा विक्रेताओं की गहनता से जांच कर बीकानेर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में 59 दवा विक्रेताओं के लाइसेन्स निलम्बित किए हैं, जबकि 2 के लाइसेन्स निरस्त किए गए हैं.
बीते दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाने के लिए नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर प्रभावी रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसे ध्यान में रखते हुए चिकित्सा मंत्री ने 15 दिवसीय अभियान चलाने के निर्देश दिए. एसीएस हेल्थ शुभ्रा सिंह ने बताया कि अभियान के तहत बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में करीब 35 लाख रुपये की दवाइयों के स्टॉक को जब्त किया गया है.
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59 दवा विक्रेताओं के लाइसेन्स निलम्बित किए हैं, जबकि 2 दवा विक्रेताओं के लाइसेन्स निरस्त किए हैं. इसके अलावा 32 औषधि विक्रेताओं से एनडीपीएस घटकयुक्त दवाइयों के बेचान की अनुमति को विड्रॉ किया गया है. उन्होंने बताया कि अभियान के पहले चरण में 200 दवा विक्रेता फर्मों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 33 दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट अनुपस्थित मिले और 112 दवा विक्रेताओं की ओर से एनडीपीएस घटकयुक्त औषधियों के विक्रय बिल पेश नहीं किए गए.
वहीं, जोधपुर में कार्रवाई करते हुए आरोपी संजय त्यागी के कब्जे से एनडीपीएस कांस्टीट्यूएंट मेडिसिन स्टॉक जब्त कर एफआईआर दर्ज कराकर गिरफ्तार करवाया गया. इसी तरह श्रीगंगानगर में बिना मेडिसिन परमिट के संचालित फर्म के मालिक राहुल के कब्जे से दवाइयों के स्टॉक को जब्त किया गया और अरोपी के खिलाफ न्यायालय से अभिरक्षा आदेश प्राप्त किए गए हैं.
जबकि ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक ने दवा विक्रेताओं को डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन पर ही एनडीपीएस कांस्टीट्यूएंट दवाइयों का बेचान करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मरीज के नाम विक्रय बिल जारी करने के लिए निर्देशित किया गया है. उन्होंने कहा कि नशे के कारोबार में संलिप्त व्यक्तियों/फर्माें के खिलाफ शिकायत एसओजी के टोल फ्री नम्बर 155249 पर या फिर जिलों में सहायक ड्रग कंट्रोलर को की जा सकती है.