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मई से सोने की खान की ई नीलामी, 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क भंडार के साथ तैयार सरकार - सोने की खान की ई नीलामी

बांसवाड़ा के भूकिया-जगपुरा और कांकरिया-गारा में सोने की खानों की ई-नीलामी शुरु करने की तैयारी जारी है. दो और तीन मई से फर्दर एक्सप्लोरेशन के लिए ई-नीलामी शुरू हो जाएगी. राजस्थान के खनन इतिहास में पहली बार गोल्ड माइंस की नीलामी हो रही है. जिससे 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क मिलने का आकलन किया जा रहा है.

e auction of gold mines
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 6, 2024, 9:09 PM IST

जयपुर. खनन महकमे ने बांसवाड़ा में प्रदेश की पहली सोने की खान की ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस सिलसिले में भारत सरकार के पोर्टल MSTC पर टेण्डर डाक्यूमेंट उपलब्ध करा दिए गए हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में पहली बार सोने की खान की नीलामी होने जा रही है. विभाग ने एक महीने से भी कम वक्त में गोल्ड माइन के ऑक्शन की सभी औपचारिकताएं पूरी की और ई-नीलामी का कार्यक्रम भारत सरकार के पोर्टल और वेबसाइट पर भी जारी कर दिया है. खान सचिव आनंदी ने इसकी जानकारी दी है.

निवेश और रोजगार की खुलेगी राह : खान सचिव आनंदी ने बताया कि ई-नीलामी कार्यक्रम के अनुसार 21 मार्च तक टेंडर डॉक्यूमेंट खरीदे जा सकेंगे. तकनीकी बिड पेश करने की आखिरी तारीख 12 अप्रैल है. इसके बाद भूकिया-जगपुरा गोल्ड माइनिंग लाइसेंस के लिए 2 मई और कांकरिया-गारा के कंपोजिट लाइसेंस के लिए 3 मई को ऑक्शन किया जाएगा. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल से अब राजस्थान गोल्ड माइंस की नीलामी के साथ ही गोल्ड खनन करने वाले प्रदेश के रूप में देश दुनिया के नक्शे पर आ जाएगा और प्रदेश में गोल्ड प्रोसेसिंग बेस्ड इंडस्ट्री से निवेश आएगा. खान सचिव ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के इलाके में सोने के बड़े भण्डार हैं. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की ओर से इलाके में तांबे की खोज के लिए किए जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण अयस्क के संकेत देखे गए थे. यहां करीब 940.26 हेक्टेयर में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का शुरुआती आकलन किया गया है, जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है.

पढे़ं. राजस्थान की धरा उगलेगी सोना, गोल्ड माइंस की नीलामी में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आकलन

इन खनिजों से भी मिलेगा राजस्व : बांसवाड़ा घाटोल के ही कांकरिया-गारा में स्वर्ण अयस्क के साथ-साथ प्रचुर मात्रा में अन्य सह खनिज भी मिलेंगे. इससे इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश आएंगे तो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के मौके मिलेंगे. इन खनिजों से इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता होगी. बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढलाई और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को बूम मिलेगा. इसी तरह एयर बैग, पेट्रोकेमिकल उद्योग और कच्चे माल की आपूर्ति के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी. प्रदेश में सह खनिजों से जुड़ी इण्डस्ट्रीज के नए निवेश से राजस्व और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर विकसित होंगे. निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में कर्नाटक में हट्टी गोल्ड माइंस कंपनी सोने का खनन कर रही है. निजी क्षेत्र में मुन्द्रा ग्रुप की रामा माइंस माइनिंग का कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश में डेक्कन गोल्ड माइंस की ओर से एक प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है.

जयपुर. खनन महकमे ने बांसवाड़ा में प्रदेश की पहली सोने की खान की ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस सिलसिले में भारत सरकार के पोर्टल MSTC पर टेण्डर डाक्यूमेंट उपलब्ध करा दिए गए हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में पहली बार सोने की खान की नीलामी होने जा रही है. विभाग ने एक महीने से भी कम वक्त में गोल्ड माइन के ऑक्शन की सभी औपचारिकताएं पूरी की और ई-नीलामी का कार्यक्रम भारत सरकार के पोर्टल और वेबसाइट पर भी जारी कर दिया है. खान सचिव आनंदी ने इसकी जानकारी दी है.

निवेश और रोजगार की खुलेगी राह : खान सचिव आनंदी ने बताया कि ई-नीलामी कार्यक्रम के अनुसार 21 मार्च तक टेंडर डॉक्यूमेंट खरीदे जा सकेंगे. तकनीकी बिड पेश करने की आखिरी तारीख 12 अप्रैल है. इसके बाद भूकिया-जगपुरा गोल्ड माइनिंग लाइसेंस के लिए 2 मई और कांकरिया-गारा के कंपोजिट लाइसेंस के लिए 3 मई को ऑक्शन किया जाएगा. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल से अब राजस्थान गोल्ड माइंस की नीलामी के साथ ही गोल्ड खनन करने वाले प्रदेश के रूप में देश दुनिया के नक्शे पर आ जाएगा और प्रदेश में गोल्ड प्रोसेसिंग बेस्ड इंडस्ट्री से निवेश आएगा. खान सचिव ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के इलाके में सोने के बड़े भण्डार हैं. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की ओर से इलाके में तांबे की खोज के लिए किए जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण अयस्क के संकेत देखे गए थे. यहां करीब 940.26 हेक्टेयर में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का शुरुआती आकलन किया गया है, जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है.

पढे़ं. राजस्थान की धरा उगलेगी सोना, गोल्ड माइंस की नीलामी में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आकलन

इन खनिजों से भी मिलेगा राजस्व : बांसवाड़ा घाटोल के ही कांकरिया-गारा में स्वर्ण अयस्क के साथ-साथ प्रचुर मात्रा में अन्य सह खनिज भी मिलेंगे. इससे इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश आएंगे तो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के मौके मिलेंगे. इन खनिजों से इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता होगी. बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढलाई और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को बूम मिलेगा. इसी तरह एयर बैग, पेट्रोकेमिकल उद्योग और कच्चे माल की आपूर्ति के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी. प्रदेश में सह खनिजों से जुड़ी इण्डस्ट्रीज के नए निवेश से राजस्व और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर विकसित होंगे. निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में कर्नाटक में हट्टी गोल्ड माइंस कंपनी सोने का खनन कर रही है. निजी क्षेत्र में मुन्द्रा ग्रुप की रामा माइंस माइनिंग का कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश में डेक्कन गोल्ड माइंस की ओर से एक प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है.

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