जयपुर. उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश सरकार की ओर से पूर्व में ईआरसीपी को लेकर दायर की गई याचिका निस्तारित कर दिया. न्यायालय ने माना कि अब इस परियोजना को लेकर त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. न्यायालय के इस फैसले के बाद अब इस परियोजना को लेकर जो कानूनी अड़चन की संभावना थी वो खत्म हो गई. कोर्ट के इस फैसले पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य. त्रिपक्षीय एमओयू राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों ही प्रदेशों के लिए लाभकारी होगा.
किसानों और आमजन को होगा फायदा : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना (ईआरसीपी) के एमओयू पर माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय बाद कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय से बहुप्रतीक्षित ईआरसीपी का मार्ग प्रशस्त हुआ है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच से फलीभूत हुए इस एमओयू से दोनों ही प्रदेशों को लाभ होगा, जिसका सीधा फायदा राजस्थान और मध्यप्रदेश के किसानों एवं आमजन को होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के मूर्त रूप लेने के पश्चात पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल उपलब्ध हो सकेगा और सिंचित क्षेत्र में वृद्धि होने से फसल उत्पादन. किसानों की आय और खुशहाली बढ़ेगी.
पढ़ें : ERCP लेकर जयपुर में सीएम भजनलाल से मिले एमपी के सीएम मोहन यादव
बता दें कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश सरकार की ओर से पूर्व में ईआरसीपी के संबंध में दायर की गई याचिका इस आधार पर निस्तारित कर दी कि संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. नई दिल्ली में गत 28 जनवरी, 2024 को केन्द्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच परियोजना की संयुक्त डीपीआर बनाने के लिए यह त्रिपक्षीय एमओयू किया गया था.