जोधपुर. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत काम चल रहा है. कॉलेज में अगर किसी ने द्वितीय वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ दी तो वह 5 साल बाद भी सीधे तृतीय वर्ष की परीक्षा दे सकेगा. ऐसी व्यवस्था करने के प्रयास चल रहे हैं. इससे काफी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के मायनों को लागू करने पर काम चल रहा है. शिक्षा मंत्री मंगलवार को जोधपुर में माध्यमिक परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए आए थे.
समारेाह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था में शिक्षा के बाद रोजगार मिले, इस पर फोकस किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैंने कई निर्णय लिए हैं, जिससे कोई नाराज हुए तो कुछ लोग खुश भी हुए. इसमें मोबाइल का उपयोग बंद करने का भी लिया है. इसका सीधा फायदा हमारे बच्चों को हो रहा है. खुशी की बात यह है कि इस व्यवस्था को लागू करने में सफल भी हुए हैं.
उन्होंने कहा कि मैंने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए बहुत कुछ सेाचा है, जिसे धीरे-धीरे लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ संस्कार जरूरी हैं. हमें बच्चों को संस्कार देने ही होंगे. इसकी शुरुआत घर से होती है. उन्होंने कहा कि लोग बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल कर लेते हैं, लेकिन उनमें संस्कार नहीं होते और वे देश तोड़ने की बात करने लगते हैं.
छात्रों का बढ़ाया मनोबल : शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज जिन बच्चों का सम्मान हुआ है, उनमें 7 सरकारी स्कूलों के भी हैं. सर्वाधिक अंक भी सरकारी स्कूल की छात्रा ने प्रदेश में इस बार हासिल किया है. मैं उस छात्रा से मिला, जिसने 500 अंक प्राप्त किए. सरकारी विद्यालय भी किसी से कम नहीं हैं. हमारे छात्र लगातार आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में हम सबको मिलकर बच्चों में शिक्षा के साथ संस्कारों का समावेश करना चाहिए. इसके लिए में प्रयासरत हूं. इसमें हमें सफलता मिलेगी.
8 अगस्त से पेड़ लगाने का अभियान : शिक्षा मंत्री ने कहा कि तापमान बढ़ रहा है, इसकी बात सब कर रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाएं. इसके लिए हम 8 अगस्त से अभियान शुरू करने जा रहे हैं. शिक्षक के परिवार में जितने सदस्य हैं, उतने पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसी तरह से बच्चों-अभिभावकों को भी एक पेड़ देश के नाम लगाने लिए प्रेरित करेंगे. दिलावर ने कहा कि हम सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.