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राजस्थान की बेटी इंडोनेशिया में सिखा रही योग, जानें कौन हैं पल गहलोत - Yoga Divas 2024

International Yoga Day 2024, हम आपको मरुधरा की योग कन्या के बारे में बताएंगे, जो वर्तमान में इंडोनेशिया में लोगों को योग की शिक्षा दे रही है. बाली की हाउस ऑफ ओम स्कूल में योगा टीचर पल गहलतो मूल रूप से राजस्थान के सिरोही की निवासी हैं.

International Yoga Day 2024
राजस्थान की बेटी इंडोनेशिया में सिखा रही योग (ETV BHARAT Sirohi)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 21, 2024, 8:57 PM IST

इंटरनेशनल योगा टीचर पल गहलोत (ETV BHARAT Sirohi)

सिरोही. आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है. आज का दिन भारत के लिए बेहद खास है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग का पूरी दुनिया में विस्तार हुआ है. वहीं, मरुधरा की योग कन्या विदेशी धरती पर लोगों को योग के गुर सिखा रही है. शुक्रवार को योग दिवस के मौके पर दुनिया के अन्य देशों की तरह ही इंडोनेशिया में भी सैकड़ों लोगों ने योगाभ्यास किया. इस बीच सबसे खास बात यह रही है कि राजस्थान के सिरोही निवासी पल गहलोत ने इंडोनेशिया के बाली में लोगों को योगाभ्यास कराया.

बाली की हाउस ऑफ ओम स्कूल में पल योग टीचर हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद बैंगलोर में जॉब किया. उसके बाद अचानक योग के प्रति उनका रुझान बढ़ा और योग का कोर्स करके ऋषिकेश में वर्ल्ड पीस, हरी ओम योग, लिविंग योग और विन्यास योग में दो साल तक काम करने के बाद नेपाल में हजारों लोगों को योग का पाठ पढ़ाया. इंडोनेशिया के बाली में हाउस ऑफ होम स्कूल में दुनिया भर के 50 देशों के छात्र योग की शिक्षा लेने के लिए प्रवेश लेते हैं.

इसे भी पढ़ें - वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए लगातार 12 घंटे तक 'गत्यात्मक शशांक भुजंगासन', सेना-बीएसएफ और डॉक्टर्स ने किया योग - International Yoga Day

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षण करने के लिए भारत से प्रशिक्षित योग टीचर को यहां अप्वॉइंट कर योग की शिक्षा देनी शुरू की. अष्टांगा विन्यासा, हाथ योगा, प्रेनाटल योगा, तंत्र योगा, कुंडलिनी योगा, यीन योगा में दक्ष पल गहलोत ने बताया कि विदेशों में अब योग के साथ-साथ वेद और पुराणों को भी पढ़ने और समझने का रुझान देखने को मिल रहा है. योग के उद्भव वाले भारत देश के तमाम लोगों को योग को अपनी जिदंगी में उतरना चाहिए. कुछ सालों से यह देखने को मिल रहा है कि विदेशी धरती पर भारतीय संस्कृति और योग के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ा है. मेडिटेशन, डीप मेडिटेशन और निंद्रा योग सहित खुद को जानने और कर्म को लेकर भारत के अपना समय बिताते हैं.

पल ने कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है. यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है. मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है. साथ ही योग अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज को महसूस करवाता है.

इंटरनेशनल योगा टीचर पल गहलोत (ETV BHARAT Sirohi)

सिरोही. आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है. आज का दिन भारत के लिए बेहद खास है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग का पूरी दुनिया में विस्तार हुआ है. वहीं, मरुधरा की योग कन्या विदेशी धरती पर लोगों को योग के गुर सिखा रही है. शुक्रवार को योग दिवस के मौके पर दुनिया के अन्य देशों की तरह ही इंडोनेशिया में भी सैकड़ों लोगों ने योगाभ्यास किया. इस बीच सबसे खास बात यह रही है कि राजस्थान के सिरोही निवासी पल गहलोत ने इंडोनेशिया के बाली में लोगों को योगाभ्यास कराया.

बाली की हाउस ऑफ ओम स्कूल में पल योग टीचर हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद बैंगलोर में जॉब किया. उसके बाद अचानक योग के प्रति उनका रुझान बढ़ा और योग का कोर्स करके ऋषिकेश में वर्ल्ड पीस, हरी ओम योग, लिविंग योग और विन्यास योग में दो साल तक काम करने के बाद नेपाल में हजारों लोगों को योग का पाठ पढ़ाया. इंडोनेशिया के बाली में हाउस ऑफ होम स्कूल में दुनिया भर के 50 देशों के छात्र योग की शिक्षा लेने के लिए प्रवेश लेते हैं.

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षण करने के लिए भारत से प्रशिक्षित योग टीचर को यहां अप्वॉइंट कर योग की शिक्षा देनी शुरू की. अष्टांगा विन्यासा, हाथ योगा, प्रेनाटल योगा, तंत्र योगा, कुंडलिनी योगा, यीन योगा में दक्ष पल गहलोत ने बताया कि विदेशों में अब योग के साथ-साथ वेद और पुराणों को भी पढ़ने और समझने का रुझान देखने को मिल रहा है. योग के उद्भव वाले भारत देश के तमाम लोगों को योग को अपनी जिदंगी में उतरना चाहिए. कुछ सालों से यह देखने को मिल रहा है कि विदेशी धरती पर भारतीय संस्कृति और योग के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ा है. मेडिटेशन, डीप मेडिटेशन और निंद्रा योग सहित खुद को जानने और कर्म को लेकर भारत के अपना समय बिताते हैं.

पल ने कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है. यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है. मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है. साथ ही योग अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज को महसूस करवाता है.

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