जयपुर. राजस्थान में बीते साल विधानसभा और इस साल लोकसभा का चुनाव हुआ है. वहीं, चुनाव से निपटने के बाद अब विपक्षी दल कांग्रेस में ब्लॉक-मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक बड़े पैमाने पर अनुशासन का डंडा चलने के संकेत मिल रहे हैं. हालांकि, पिछले दिनों पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने 27 ब्लॉक और मंडल कार्यकारिणियों को भंग कर कड़ा संदेश दिया था. अब एक बार फिर ब्लॉक-मंडल, जिला और प्रदेश स्तर तक निष्क्रिय और पार्टी लाइन से हटकर काम करने वाले पदाधिकारियों पर कड़े एक्शन के संकेत मिल रहे हैं. दरअसल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति की बैठक 6 जुलाई (शनिवार) को सुबह 11 बजे प्रदेश पार्टी मुख्यालय में होगी, जिसकी अध्यक्षता अनुशासन समिति के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना करेंगे.
अनुशासन भंग करने के मामलों पर होगी चर्चा : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव व प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि पीसीसी को अनुशासन भंग करने की बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं. अनुशासन समिति की बैठक में ऐसे मामलों और शिकायतों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और इन मामलों में सभी पक्षों की सुनवाई भी की जाएगी.
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प्रदेश अध्यक्ष को भेजी जाएगी रिपोर्ट : उन्होंने बताया कि अनुशासन समिति सभी शिकायतों पर सुनवाई कर अपनी रिपोर्ट पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भेजेगी. इस रिपोर्ट और अनुशासन समिति की अनुशंसा पर आगे कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि बैठक में अनुशासन समिति की को-चेयरमैन और पूर्व मंत्री शकुंतला रावत, संयोजक हाकम अली और सदस्य विनोद गोठवाल भी शामिल होंगे.
लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद कड़ा संदेश : पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने और पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद कांग्रेस में कड़ा एक्शन देखने को मिला था. बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल की शिकायत पर पूर्व विधायक अमीन खान और सिरोही-जालोर से प्रत्याशी वैभव गहलोत की शिकायत पर पीसीसी के सचिव रहे बालेंदु सिंह शेखावत को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया था. इसके बाद पिछले दिनों 27 ब्लॉक-मंडल कार्यकारिणियों को भंग कर कड़ा संदेश दिया गया है.
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नए लोगों को जिम्मेदारी देने की तैयारी : लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने जिले के नेताओं और प्रभारियों से फीडबैक लिया था. इसमें सक्रिय और निष्क्रिय पदाधिकारियों के बारे में भी जानकारी जुटाई गई है. अब एक तरफ जहां निष्क्रिय पदाधिकारियों पर एक्शन लेने की तैयारी है. वहीं, सक्रिय कार्यकर्ताओं को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी देने की भी तैयारी की जा रही है. इस पूरी कवायद का उद्देश्य आगामी दिनों में होने वाले पांच सीटों पर उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत करना है.