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गुटबाजी के बीच उपचुनाव बड़ी चुनौती, राठौड़ बोले- पार्टी को एकजुट कर पूरी ताकत से विजयश्री के लिए जुटेंगे - BJP Strategy

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 10, 2024, 8:33 PM IST

राजस्थान में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा जल्द हो सकती है. लोकसभा चुनाव से कांग्रेस उत्साहित है, लेकिन बीजेपी ने भी मूल ओबीसी का अध्यक्ष बना कर सभी जातियों को साधने का बड़ा दांव खेला है. पार्टी गुटबाजी के बीच प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने उपचुनाव को लेकर दावा किया है कि पार्टी को एकजुट करके पूरी ताकत से विजयश्री के लिए जुटेंगे.

Madan Rathore
राजस्थान भाजपा के नए अध्यक्ष (ETV Bharat GFX)
मदन राठौड़, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन से विधानसभा की रिक्त सीटों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद से ही पांच सीटें रिक्त चल रहीं थीं. अब रिक्त सीटों की संख्या बढ़ कर 6 हो गई. संभावना है कि हरियाणा विधानसभा चुनावों के साथ ही प्रदेश में भी उपचुनाव की घोषणा हो सकती है.

लोकसभा चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष में बदलाव कर मूल ओबीसी वर्ग से आने वाले राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष बना कर बड़ी सियासी चाल चली है. हालांकि, पिछले कुछ सालों से आंतरिक कलह से गुजर रही बीजेपी के एक जुट करना मदन राठौड़ के सामने बड़ी चुनौती तो है, लेकिन उन्होंने दावा किया है कि पार्टी को एकजुट करके पूरी ताकत से विजयश्री के लिए जुटेंगे.

अक्टूबर में हो सकते हैं उपचुनाव : हरियाणा सरकार का कार्यकाल अक्टूबर में खत्म हो रहा है. ऐसे में चर्चा है कि अक्टूबर में ही वहां चुनाव होंगे और इसी समय राजस्थान में भी उपचुनाव हो सकते हैं. सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन से विधानसभा की रिक्त सीटों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद से ही पांच सीटें रिक्त चल रहीं थीं, जिसमें खींवसर, झुंझुनू, दौसा, देवली-उणियारा, चौरासी विधानसभा सीट शामिल है. इन पांच सीटों के विधायक लोकसभा सांसद चुने गए थे, जिस वजह ये यह सीटें रिक्त हुई हैं. अब अमृतलाल मीणा के निधन के बाद एक और सीट खाली हो गई.

पढ़ें : जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान, बोले- आपातकाल के समय न्यायपालिका इंदिरा गांधी के तानाशाही के आगे झुक गई - Vice President on Emergency

प्रदेशअध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि जल्द ही अभियान के जरिए केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं को लेकर घर-घर पहुंचेंगे. जनता को योजनाओं से जोड़ कर उन्हें जागरूक करेंगी कि किस तरह से डबल इंजन की सरकार काम कर रही है. पार्टी को एकजुट करके पूरी ताकत से विजयश्री के लिए जुटेंगे. सभी सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. राठौड़ ने कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने भ्रम फैलाया जिससे जनता गुमराह हो गई थी, लेकिन विपक्ष का अब भ्रम नहीं चलने वाला. विपक्ष ने संविधान और आरक्षण के नाम पर भ्रम फैलाया, लेकिन देश की जनता को बता दें कि जब तक मोदी सरकार है तब तक किसी का कोई आरक्षण खत्म नहीं होगा. हमने संविधान की शपथ ली है, उसकी रक्षा करेंगे. जनता समझ चुकी है समाज को तोड़ने का षड्यंत्र नहीं चलेगा.

भाजपा का एक विधायक कम हुआ : दरअसल, अमृतलाल मीणा के निधन से भाजपा विधायकों की संख्या कम हो गई है. पहले 115 विधायक भाजपा के थे, अब 114 रह गए हैं. हालांकि, बहुमत से भाजपा के पास अधिक विधायक हैं. ऐसे में एक सीट कम होने से भाजपा सरकार को कोई फर्क नही पड़ेगा. प्रदेश की जिन 6 सीटों पर उपचुनाव होने है, उनमें से 3 सीट जिसमे दौसा, देवली-उनियारा, सीकर विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. जबकि चौरासी विधानसभा सीट पर बाप और खींवसर विधानसभा सीट पर आरएलपी के खाते में रही. अब सलूंबर सीट खाली हुई वो बीजेपी के खाते में हैं.

मदन राठौड़, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन से विधानसभा की रिक्त सीटों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद से ही पांच सीटें रिक्त चल रहीं थीं. अब रिक्त सीटों की संख्या बढ़ कर 6 हो गई. संभावना है कि हरियाणा विधानसभा चुनावों के साथ ही प्रदेश में भी उपचुनाव की घोषणा हो सकती है.

लोकसभा चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष में बदलाव कर मूल ओबीसी वर्ग से आने वाले राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष बना कर बड़ी सियासी चाल चली है. हालांकि, पिछले कुछ सालों से आंतरिक कलह से गुजर रही बीजेपी के एक जुट करना मदन राठौड़ के सामने बड़ी चुनौती तो है, लेकिन उन्होंने दावा किया है कि पार्टी को एकजुट करके पूरी ताकत से विजयश्री के लिए जुटेंगे.

अक्टूबर में हो सकते हैं उपचुनाव : हरियाणा सरकार का कार्यकाल अक्टूबर में खत्म हो रहा है. ऐसे में चर्चा है कि अक्टूबर में ही वहां चुनाव होंगे और इसी समय राजस्थान में भी उपचुनाव हो सकते हैं. सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन से विधानसभा की रिक्त सीटों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद से ही पांच सीटें रिक्त चल रहीं थीं, जिसमें खींवसर, झुंझुनू, दौसा, देवली-उणियारा, चौरासी विधानसभा सीट शामिल है. इन पांच सीटों के विधायक लोकसभा सांसद चुने गए थे, जिस वजह ये यह सीटें रिक्त हुई हैं. अब अमृतलाल मीणा के निधन के बाद एक और सीट खाली हो गई.

पढ़ें : जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान, बोले- आपातकाल के समय न्यायपालिका इंदिरा गांधी के तानाशाही के आगे झुक गई - Vice President on Emergency

प्रदेशअध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि जल्द ही अभियान के जरिए केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं को लेकर घर-घर पहुंचेंगे. जनता को योजनाओं से जोड़ कर उन्हें जागरूक करेंगी कि किस तरह से डबल इंजन की सरकार काम कर रही है. पार्टी को एकजुट करके पूरी ताकत से विजयश्री के लिए जुटेंगे. सभी सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. राठौड़ ने कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने भ्रम फैलाया जिससे जनता गुमराह हो गई थी, लेकिन विपक्ष का अब भ्रम नहीं चलने वाला. विपक्ष ने संविधान और आरक्षण के नाम पर भ्रम फैलाया, लेकिन देश की जनता को बता दें कि जब तक मोदी सरकार है तब तक किसी का कोई आरक्षण खत्म नहीं होगा. हमने संविधान की शपथ ली है, उसकी रक्षा करेंगे. जनता समझ चुकी है समाज को तोड़ने का षड्यंत्र नहीं चलेगा.

भाजपा का एक विधायक कम हुआ : दरअसल, अमृतलाल मीणा के निधन से भाजपा विधायकों की संख्या कम हो गई है. पहले 115 विधायक भाजपा के थे, अब 114 रह गए हैं. हालांकि, बहुमत से भाजपा के पास अधिक विधायक हैं. ऐसे में एक सीट कम होने से भाजपा सरकार को कोई फर्क नही पड़ेगा. प्रदेश की जिन 6 सीटों पर उपचुनाव होने है, उनमें से 3 सीट जिसमे दौसा, देवली-उनियारा, सीकर विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. जबकि चौरासी विधानसभा सीट पर बाप और खींवसर विधानसभा सीट पर आरएलपी के खाते में रही. अब सलूंबर सीट खाली हुई वो बीजेपी के खाते में हैं.

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