जयपुर. राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. विधानसभा में आज बजट पेश किया गया. लेकिन इस बार का बजट इस लिहाज से अहम है कि करीब 20 साल के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री ने सदन में बजट पेश नहीं किया. बल्कि वित्त मंत्री के तौर पर दीया कुमारी (उपमुख्यमंत्री) ने बजट पढ़ा. दरअसल, राजस्थान में करीब 20 साल के इतिहास में मुख्यमंत्री चाहे वसुंधरा राजे रही हो या अशोक गहलोत.
दोनों ने वित्त विभाग अपने पास ही रखा था. इसके चलते जब भाजपा की सरकार में वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री रही तो उन्होंने सदन में प्रदेश का बजट पढ़ा और कांग्रेस की सरकार में जब अशोक गहलोत मुख्यमंत्री रहे तो उन्होंने भी वित्त विभाग अपने पास रखा. इसी के चलते उन्होंने ने ही सदन में बजट पेश किया. लेकिन पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद जब भाजपा की सरकार बनी तो भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री चुना गया. इसके साथ ही दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. बाद में जब विभागों का बंटवारा हुआ तो वित्त विभाग दीया कुमारी के पास आया.
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दीया कुमारी ने ही पढ़ा था लेखानुदान : भाजपा की सरकार बनने के बाद इस साल फरवरी में लेखानुदान (अंतरिम बजट) पेश किया गया था. उस समय भी वित्त मंत्री के तौर पर दीया कुमारी ने ही लेखानुदान पेश किया था. अब भाजपा का परिवर्तित (पूर्ण) बजट आया है. यह बजट भी वित्त मंत्री के तौर पर दीया कुमारी ने ही पेश किया और प्रदेश की जनता को कई सौगात दी.