जयपुर. देश में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में देश राजकीय कर्मचारियों ने भी अपनी-अपनी मांगों को लेकर राजनीतिक दलों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में रविवार को जयपुर में आंगनबाड़ी संगठन के प्रतिनिधियों का राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है. इस सम्मेलन में देश भर की 28 लाख आंगनबाड़ी महिलाओं ने राजनीतिक दलों के सामने उनकी मांग को घोषणा पत्र में शामिल इसको लेकर मांग उठाएंगीं.
28 लाख आंगनबाडी कार्यकर्ता और सहायिका : ऑल इंडिया आंगनबाड़ी एम्पलाइज फैडरेशन के बैनर तले होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर की एक दर्जन से ज्यादा राज्यों की आंगनबाड़ी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगी. एम्पलाइज फैडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक छोटीलाल बुनकर ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से 28 लाख आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. उसमें जो कार्यकर्ता और सहायिका का काम करती हैं, उन्हें पिछले 5 वर्षों में केंद्र सरकार ने कोई पैसा नहीं बढ़ाया. जबकि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. मात्र 4500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से मानदेय दिया जाता है. इस बढ़ती महंगाई उनके लिए घर खर्च चलना मुश्किल हो रहा है.
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7 अप्रैल को सम्मेलन : छोटेलाल बुनकर ने बताया कि केंद्र और राज्य के 60:40 के अंशदान से संचालित 14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रो पर कार्यरत करीब 28 लाख आंगनबाड़ी महिलाओं का ना कोई वर्तमान है, ना ही भविष्य सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि देश हित मे शिक्षण और पोषण कर रही आंगनबाड़ी महिला कार्मिकों का मानदेय के नाम पर आर्थिक एवं मानसिक शोषण होता है. इसी को लेकर 7 अप्रैल को देश भर के करीब कई राज्यों से प्रतिनिधि सम्मेलन करेंगे.
इस सम्मलेन के माध्यम से राजनीतिक दलों के सामने उनकी मांग को रखा जाएगा और उनसे आग्रह किया जाएगा कि वह अपने-अपनी घोषणा पत्र में इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सम्मानजनक मानदेय और इन्हें नियमित करने के आश्वासन को शामिल करें. बुनकर ने कहा कि जो भी राजनीतिक दल से 28 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के हित मे सोचेगा, ये 28 लाख परिवार उसी राजनीतिक दल को समर्थन देंगे.