हजारीबाग: एलआरडीसी राज किशोर प्रसाद ने सदर एसडीओ का पदभार ग्रहण कर लिया है. उन्होंने यह पदभार स्वत ग्रहण किया है. हजारीबाग के वरीय पदाधिकारी के आदेश के बाद उन्होंने नियम 202 के तहत पदभार लिया है. अब हजारीबाग के एसडीओ राजकिशोर प्रसाद बन गए हैं. हजारीबाग में यह पहला ऐसा मामला है कि स्वत: एसडीओ को पदभार लेना पड़ा हो.
हजारीबाग के पूर्व एसडीओ अशोक कुमार सिंह से उनके बॉडीगार्ड वापस ले लिया गया है. वहीं, जो सरकारी गाड़ी उन्हें दी गई थी वह भी वापस ले ली गई है. 30 दिसंबर तक उन्हें बॉडीगार्ड और गाड़ी दी गई थी. जैसे ही उनका तबादला हुआ वैसे ही बॉडीगार्ड और गाड़ी वापस ले ली गई है. आमतौर पर जब किसी व्यक्ति के ऊपर आरोप लगता है तो पुलिस उससे पूछताछ पुलिस करती है. लेकिन अशोक कुमार से पूछताछ अब तक नहीं की गई है. एफआईआर दर्ज होने के पहले बोकारो में फर्द बयान दर्ज कराया गया था. फर्द बयान के बाद किसी भी तरह की पूछताछ नहीं की गई है.
30 दिसंबर को ही झारखंड सरकार कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की ओर से उनका तबादला कर दिया गया था. उन्हें प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग में योगदान देने का आदेश निर्गत किया गया है. आमतौर पर यह देखा गया है कि जब भी पदाधिकारी का हस्तांतरण होता है, तो वह अपना पदभार देखकर जाते हैं. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है. हजारीबाग के पूर्व एसडीओ अशोक कुमार के ऊपर संगीन आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी अनीता देवी को जलाकर मार दिया है.
हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने इस बाबत जानकारी दी है कि अब तक कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रार्थना नहीं की गयी है. अब तक जांच की प्रक्रिया जारी है. ठोस नतीजा पहुंचने के बाद ही कदम आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है. जो भी व्यक्ति दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
यह घटना हजारीबाग समेत पूरे राज्य भर में सुर्खियों में है. भारतीय जनता पार्टी इसे मुद्दा भी बना रही है. बरही विधायक मनोज यादव ने इस घटना को लेकर विरोध दर्ज किया. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की पूरी जांच होनी चाहिए. जो भी दोषी है उसे कड़ी सजा होनी चाहिए. उन्होंने इस घटना पर फांसी की सजा की मांग की है.
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