रायसेन। विश्व पर्यावरण दिवस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की. सीएम मोहन यादव रायसेन जिले के झिरी बहेड़ गांव स्थित बेतवा नदी के उद्गम स्थल पर पहुंचे जहां उन्होंने जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया. इस दौरान केंद्रीय ग्रामीण मंत्री प्रहलाद पटेल भी मौजूद रहे. बेतवा के उद्गम स्थल पर सीएम ने मोहन यादव ने बेतवा नदी की पूजा अर्चना कर वृक्षारोपण किया.
तालाब, नदी और कूप का होगा संरक्षण
वृक्षारोपण के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंच से लोगों को संबोधन किया. विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उन्होंने जल और पेड़ों के महत्व की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान पर्यावरण दिवस से प्रारंभ होकर गंगा दशहरा तक चलेगा. इसके तहत जल संरचना के अंतर्गत आने वाले तालाब, नदी, कूप का संरक्षण किया जाएगा. इसके लिए 15 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी जल स्रोतों के लिए स्वच्छता अभियान चलाए जाएंगे.
चंबल नदी से राजस्थान की बुझेगी प्यास
सीएम मोहन यादव ने कहा कि "यह स्थान अति महत्वपूर्ण है और बेतवा नदी को केन नदी से जोड़ने की योजना के बाद से इसकी महत्ता और भी बढ़ गई है. यह योजना लगभग 45 हजार करोड़ रुपए की है. इसके बाद एक और योजना राजस्थान के साथ जल्द शुरू होने वाली है जिसमें चंबल नदी से राजस्थान की प्यास बुझाई जाएगी. यह प्रोजेक्ट करीब 35 हजार करोड़ रुपए का होगा."
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पेड़ में भी होता है प्राण
सीएम मोहन यादव ने लोगों को बताया कि "पेड़ में प्राण होता है इसको बताने वाले जगदीश चंद्र बसु को लंदन में सम्मान दिया गया और उन्हें कहा गया कि इस खोज के लिए भारत में भी अब उनका मान-सम्मान बढ़ जाएगा. इस पर जगदीश चंद्र बसु ने कहा कि ये तो आप लोगों को नहीं मालूम था कि पेड़ में प्राण होता है, इसलिए हमें बताना पड़ रहा है, लेकिन हमारे देश के सभी लोगों को मालूम है कि पेड़ में प्राण होता है, इसलिए वहां मेरी इस खोज के लिए कोई सम्मान नहीं मिलेगा."