ETV Bharat / state

जहरीले सांपों पर भारी एक मच्छर! 5 गुना ज्यादा जानलेवा, गमले में लगाएं ये 10 पौधे, डेंगू-मलेरिया वाले मॉस्क्वीटो पास नहीं आएंगे - World Mosquito Day 2024

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 11:57 AM IST

Updated : Aug 20, 2024, 10:18 AM IST

बारिश के मौसम में मच्छरों से कई बीमारियां पनपने लगती हैं. इससे परेशान लोग आम तौर पर केमिकल आदि का इस्तेमाल करते हैं. इसका असर सेहत पर भी पड़ता है. ऐसे में कई औषधीय पौधे ऐसे हैं, जिन्हें लगाकर मच्छरों को दूर भगाया जा सकता है. आइए जानते हैं इनके बारे में...

आज है मच्छरों का दिन, क्या आप जानते हैं जहरीले सांपों से 5 गुना ज्यादा जानलेवा हैं मच्छर.
आज है मच्छरों का दिन, क्या आप जानते हैं जहरीले सांपों से 5 गुना ज्यादा जानलेवा हैं मच्छर. (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी : World Mosquito Day 2024: बारिश के मौसम में मच्छर लोगों का सुकून छीन लेते हैं. ये डेंगू, मलेरिया, जैसे संक्रामक रोगों से लोगों को परेशान रखते हैं. मच्छर भगाने के लिए लोग तरह-तरह के केमिकल का प्रयोग करते हैं. ये सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. कई मामलों में चिकित्सक इनका इस्तेमाल न करने की सलाह देते हैं.

पौधों की खुशबू से भागते हैं मच्छर. (Video Credit; ETV Bharat)

ऐसे हालात में प्राकृतिक उपायों पर भी गौर करना जरूरी हो जाता है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही पौधों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें कुदरत ने कई गुणों से नवाजा है. इन्हें लगाने से घर में मच्छर नहीं आते हैं. ये कई तरीके से स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाते हैं.

बाजार में कई तरीके के ऐसे पौधे हैं जो मच्छरों को घरों से भागते हैं. इनमें से कई औषधि गुण वाले भी हैं. खास बात यह है कि बरसात के इस मौसम में इन पौधों की काफी डिमांड है. इसकी वजह से लोग नर्सरी में जाकर इन्हें खरीद रहे हैं, और अपनी बागवानी में इन्हें जगह दे रहे हैं.

क्यों ज्यादा खतरनाक है मच्छर: विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार मच्छर सांपों से ज्यादा खतरनाक होते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वेक्टर जनित रोगों मलेरिया, डेंगू, शिस्टोसोमियासिस, मानव अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमियासिस, लीशमैनियासिस, चागास रोग, पीला बुखार, जापानी इंसेफेलाइटिस और ऑन्कोसेरसियासिस से विश्व में सालाना 7,00,000 से अधिक मौतें होती हैं.

सिर्फ मलेरिया की बात करें तो वैश्विक स्तर पर इसके अनुमानित 219 मिलियन मामले हैं और हर साल 4,00,000 से अधिक मौतें होती हैं. इनमें ज्यादातर मौतें 5 साल से कम उम्र के बच्चों की होती हैं.

वहीं, एक अनुमान के मुताबिक हर साल दुनिया भर में 5.4 मिलियन लोगों को सांप काट लेते हैं, जिनमें से 1.8 से 2.7 मिलियन मामले जहर के होते हैं. सांप के काटने से हर साल लगभग 81,410 से 1,37,880 लोग मर जाते हैं. हर साल सांप के काटने से लगभग तीन गुना अधिक अंग-भंग और अन्य स्थायी दिव्यांगता भी होती हैं. इसलिए साफ है कि सांपों से ज्यादा खतरनाक ये मच्छर होते हैं.

पौधों की खुशबू मच्छरों को करती है परेशान.
पौधों की खुशबू मच्छरों को करती है परेशान. (Photo Credit; ETV Bharat)

इन पौधों से दूर भागते हैं मच्छर : बनारस में नर्सरी संचालक महेश मौर्या बताते हैं कि इन दिनों लोग मच्छरों को दूर भगाने के लिए पौधों का सहारा ले रहे हैं. ये पौधे ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के साथ लोगों को स्वस्थ भी रख रहे हैं.

इन पौधों में लेमनग्रास, लैवेंडर, सिट्रोनेला ग्रास, ऋषि, कैटनिप, गेंदा, दौना, पुदीना, नींबू का मरहम, अजवाइन, तुलसी आदि शामिल हैं. इन्हें लोग अपने घर व आंगन में लगाना पसंद कर रहे हैं. इनकी डिमांड हर दिन बढ़ रही है. नर्सरी में आने वाले 100 में से 25 से ज्यादा लोग हर दिन इन पौधों को लेकर जा रहे हैं. अन्य लोगों के गार्डन में पहले से ही मच्छरों को भगाने वाले ये पौधे मौजूद हैं.

ये है खासियत : संचालक ने बताया कि इन पौधों की खासियत यह है कि इनसे निकलने वाली सुगंध मच्छरों को घर में आने नहीं देती. हवा बहती है तो पेड़ हिलने के साथ खुशबू रिलीज होती है. इससे न सिर्फ व्यक्ति का मूड फ्रेश होता है, बल्कि घर से नेगेटिविटी भी दूर हो जाती है. ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है.

गुणकारी पौधे सेहत को भी काफी फायदा पहुंचाते हैं.
गुणकारी पौधे सेहत को भी काफी फायदा पहुंचाते हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि उदाहरण के रूप में लेमनग्रास को देखें तो यह मच्छर भगाने वाली दवाइयां में भी प्रयोग किया जाता है. मच्छर को दूर भगाने में काम आने वाली मॉस्किटो रिप्लेसमेंट में भी लेवेंडर तेल मिलाया जाता है. यह घर को खुशबू से भर देता है.

5 से लेकर 250 रुपये है कीमत : उन्होंने बताया कि इन पौधों की कीमत की बात करें तो 5 रुपये से शुरू होकर 250 सौ रुपए तक है. कुछ पौधे मौसमी होते हैं जो सर्दियों में पाए जाते हैं. कुछ हर महीने पाए जाते हैं. वर्तमान समय में गेंदा, पुदीना, लेमनग्रास, नींबू का मरहम, दौना के पौधों की सबसे ज्यादा डिमांड है. इस मौसम में उनकी खूब बिक्री भी हो रही है.

वहीं नर्सरी में पौधे खरीदने आई उर्मिला देवी बताती है कि उन्हें पौधों लगाने का बड़ा शौक है. उन्होंने अपने बगीचे में तरह-तरह के पौधे लगा रखे हैं. उनके इनके गार्डन में एक भी मच्छर नहीं मिलता. इसकी मुख्य वजह उनके गार्डन में मौजूद औषधीय पौधे हैं. इनमें तुलसी, पुदीना, अजवाइन, शामिल है, जो गार्डन को स्वच्छ करने के साथ नकारात्मकता को भी दूर करता है.

बरसात के मौसम में कई बीमारियां फैलाते हैं मच्छर.
बरसात के मौसम में कई बीमारियां फैलाते हैं मच्छर. (Photo Credit; ETV Bharat)

बारिश में मच्छरों से होती हैं ये बीमारियां

डेंगू : एडीज एल्बोपिक्टस-एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू होता है. कई बार यह बीमारी काफी गंभीर हो जाती है. इससे मौत भी हो जाती है. इसमें तेज बुखार के साथ जोड़ों- मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, थकान, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त आदि की शिकायत रहती है.

मलेरिया : मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से यह बीमारी होती है. इस तरह के मच्छर दूषित पानी में पैदा होते हैं. ये मच्छर मच्छर सुबह-शाम में काटते हैं. मलेरिया होने पर सांस फूलती है, चक्कर आते हैं. बुखार रहता है.

जीका : एडीज मच्छर से यह रोग होता है. ये दिन में काटते हैं. बुखार, जोड़ों में दर्द के अलावा इस बीमारी में आंखें लाल हो जाती हैं. गर्भावस्था में यह बीमारी काफी खतरनाक हो जाती है.

वेस्ट नाइल वायरस : यह बीमारी भी मच्छरों के जरिए ही होती है. यह वायरस कई हफ्तों तक व्यक्ति में रह सकता है. खास बात यह है कि 80 प्रतिशत लोगों में इसके लक्षण नजर ही नहीं बाते हैं. इस बीमारी में

पीला बुखार : एडीज एजिप्टी मच्छरों से यह बीमारी होती है. इस रोग के लक्षण भी मलेरिया जैसे होते हैं.

जापानी इंसेफेलाइटिस : एडीज या कुलीसेटा मच्छर से यह बीमारी होती है. इसे जापानी बुखार के नाम से भी जाना जाता है. यह बीमारी दिमाग में सूजन पैदा कर देती है. बुखार, शरीर दर्द इसके सबसे आम लक्षण हैं.

चिकनगुनिया : एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर ये रोग फैलाते हैं. इस बीमार से पीड़ित मरीज को सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

मच्छरों के प्रकार

  • एडीज (Aedes)
  • क्यूलेक्स (Culex)
  • कुलिसेटा (Culiseta)
  • मैनसोनिया (Mansonia)
  • सोरोफोरा (Psorophora)
  • वायोमीया (Wyeomyia)
  • एनोफेलीज (Anopheles)
  • टॉक्सोरहाइन्चाइट्स (Toxorhynchites)

इसलिए मनाया जाता है विश्व मच्छर दिवस: विश्व मच्छर दिवस हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है. यह दिन सर रोनाल्ड रॉस द्वारा की गई खोज का सम्मान करता है. उन्होंने खोज की थी कि मादा मच्छर के जरिए इंसानों में मलेरिया फैलता है, जो इन बीमारियों से निपटने के लिए रणनीति विकसित करने में मौलिक रही है.

जागरूकता बढ़ाता है: मच्छर जनित बीमारियों के वैश्विक प्रभाव और रोकथाम के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है.

खोजों का स्मरण कराता है: मलेरिया फैलने की प्रक्रिया को समझने में सर रोनाल्ड रॉस की सफलता के सम्मान में मनाया जाता है विश्व मच्छर दिवस.

कार्रवाई को प्रोत्साहित करता है: विश्व मच्छर दिवस मच्छरजनित रोगों से लड़ने के लिए की गई पहलों को बढ़ावा देता है. साथ ही मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है.

वैश्विक स्वास्थ्य फोकस: विश्व मच्छर दिवस मलेरिया जैसी बीमारियों के खिलाफ चल रही लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करता है.

यह भी पढ़ें : 'कातिल मांझे' से बचकर रहें; ऑनलाइन दुनिया में बदला चाइनीज मांझे का नाम, दुकानों पर बैन फिर भी धड़ल्ले से बिक रहा

वाराणसी : World Mosquito Day 2024: बारिश के मौसम में मच्छर लोगों का सुकून छीन लेते हैं. ये डेंगू, मलेरिया, जैसे संक्रामक रोगों से लोगों को परेशान रखते हैं. मच्छर भगाने के लिए लोग तरह-तरह के केमिकल का प्रयोग करते हैं. ये सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. कई मामलों में चिकित्सक इनका इस्तेमाल न करने की सलाह देते हैं.

पौधों की खुशबू से भागते हैं मच्छर. (Video Credit; ETV Bharat)

ऐसे हालात में प्राकृतिक उपायों पर भी गौर करना जरूरी हो जाता है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही पौधों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें कुदरत ने कई गुणों से नवाजा है. इन्हें लगाने से घर में मच्छर नहीं आते हैं. ये कई तरीके से स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाते हैं.

बाजार में कई तरीके के ऐसे पौधे हैं जो मच्छरों को घरों से भागते हैं. इनमें से कई औषधि गुण वाले भी हैं. खास बात यह है कि बरसात के इस मौसम में इन पौधों की काफी डिमांड है. इसकी वजह से लोग नर्सरी में जाकर इन्हें खरीद रहे हैं, और अपनी बागवानी में इन्हें जगह दे रहे हैं.

क्यों ज्यादा खतरनाक है मच्छर: विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार मच्छर सांपों से ज्यादा खतरनाक होते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वेक्टर जनित रोगों मलेरिया, डेंगू, शिस्टोसोमियासिस, मानव अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमियासिस, लीशमैनियासिस, चागास रोग, पीला बुखार, जापानी इंसेफेलाइटिस और ऑन्कोसेरसियासिस से विश्व में सालाना 7,00,000 से अधिक मौतें होती हैं.

सिर्फ मलेरिया की बात करें तो वैश्विक स्तर पर इसके अनुमानित 219 मिलियन मामले हैं और हर साल 4,00,000 से अधिक मौतें होती हैं. इनमें ज्यादातर मौतें 5 साल से कम उम्र के बच्चों की होती हैं.

वहीं, एक अनुमान के मुताबिक हर साल दुनिया भर में 5.4 मिलियन लोगों को सांप काट लेते हैं, जिनमें से 1.8 से 2.7 मिलियन मामले जहर के होते हैं. सांप के काटने से हर साल लगभग 81,410 से 1,37,880 लोग मर जाते हैं. हर साल सांप के काटने से लगभग तीन गुना अधिक अंग-भंग और अन्य स्थायी दिव्यांगता भी होती हैं. इसलिए साफ है कि सांपों से ज्यादा खतरनाक ये मच्छर होते हैं.

पौधों की खुशबू मच्छरों को करती है परेशान.
पौधों की खुशबू मच्छरों को करती है परेशान. (Photo Credit; ETV Bharat)

इन पौधों से दूर भागते हैं मच्छर : बनारस में नर्सरी संचालक महेश मौर्या बताते हैं कि इन दिनों लोग मच्छरों को दूर भगाने के लिए पौधों का सहारा ले रहे हैं. ये पौधे ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के साथ लोगों को स्वस्थ भी रख रहे हैं.

इन पौधों में लेमनग्रास, लैवेंडर, सिट्रोनेला ग्रास, ऋषि, कैटनिप, गेंदा, दौना, पुदीना, नींबू का मरहम, अजवाइन, तुलसी आदि शामिल हैं. इन्हें लोग अपने घर व आंगन में लगाना पसंद कर रहे हैं. इनकी डिमांड हर दिन बढ़ रही है. नर्सरी में आने वाले 100 में से 25 से ज्यादा लोग हर दिन इन पौधों को लेकर जा रहे हैं. अन्य लोगों के गार्डन में पहले से ही मच्छरों को भगाने वाले ये पौधे मौजूद हैं.

ये है खासियत : संचालक ने बताया कि इन पौधों की खासियत यह है कि इनसे निकलने वाली सुगंध मच्छरों को घर में आने नहीं देती. हवा बहती है तो पेड़ हिलने के साथ खुशबू रिलीज होती है. इससे न सिर्फ व्यक्ति का मूड फ्रेश होता है, बल्कि घर से नेगेटिविटी भी दूर हो जाती है. ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है.

गुणकारी पौधे सेहत को भी काफी फायदा पहुंचाते हैं.
गुणकारी पौधे सेहत को भी काफी फायदा पहुंचाते हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि उदाहरण के रूप में लेमनग्रास को देखें तो यह मच्छर भगाने वाली दवाइयां में भी प्रयोग किया जाता है. मच्छर को दूर भगाने में काम आने वाली मॉस्किटो रिप्लेसमेंट में भी लेवेंडर तेल मिलाया जाता है. यह घर को खुशबू से भर देता है.

5 से लेकर 250 रुपये है कीमत : उन्होंने बताया कि इन पौधों की कीमत की बात करें तो 5 रुपये से शुरू होकर 250 सौ रुपए तक है. कुछ पौधे मौसमी होते हैं जो सर्दियों में पाए जाते हैं. कुछ हर महीने पाए जाते हैं. वर्तमान समय में गेंदा, पुदीना, लेमनग्रास, नींबू का मरहम, दौना के पौधों की सबसे ज्यादा डिमांड है. इस मौसम में उनकी खूब बिक्री भी हो रही है.

वहीं नर्सरी में पौधे खरीदने आई उर्मिला देवी बताती है कि उन्हें पौधों लगाने का बड़ा शौक है. उन्होंने अपने बगीचे में तरह-तरह के पौधे लगा रखे हैं. उनके इनके गार्डन में एक भी मच्छर नहीं मिलता. इसकी मुख्य वजह उनके गार्डन में मौजूद औषधीय पौधे हैं. इनमें तुलसी, पुदीना, अजवाइन, शामिल है, जो गार्डन को स्वच्छ करने के साथ नकारात्मकता को भी दूर करता है.

बरसात के मौसम में कई बीमारियां फैलाते हैं मच्छर.
बरसात के मौसम में कई बीमारियां फैलाते हैं मच्छर. (Photo Credit; ETV Bharat)

बारिश में मच्छरों से होती हैं ये बीमारियां

डेंगू : एडीज एल्बोपिक्टस-एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू होता है. कई बार यह बीमारी काफी गंभीर हो जाती है. इससे मौत भी हो जाती है. इसमें तेज बुखार के साथ जोड़ों- मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, थकान, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त आदि की शिकायत रहती है.

मलेरिया : मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से यह बीमारी होती है. इस तरह के मच्छर दूषित पानी में पैदा होते हैं. ये मच्छर मच्छर सुबह-शाम में काटते हैं. मलेरिया होने पर सांस फूलती है, चक्कर आते हैं. बुखार रहता है.

जीका : एडीज मच्छर से यह रोग होता है. ये दिन में काटते हैं. बुखार, जोड़ों में दर्द के अलावा इस बीमारी में आंखें लाल हो जाती हैं. गर्भावस्था में यह बीमारी काफी खतरनाक हो जाती है.

वेस्ट नाइल वायरस : यह बीमारी भी मच्छरों के जरिए ही होती है. यह वायरस कई हफ्तों तक व्यक्ति में रह सकता है. खास बात यह है कि 80 प्रतिशत लोगों में इसके लक्षण नजर ही नहीं बाते हैं. इस बीमारी में

पीला बुखार : एडीज एजिप्टी मच्छरों से यह बीमारी होती है. इस रोग के लक्षण भी मलेरिया जैसे होते हैं.

जापानी इंसेफेलाइटिस : एडीज या कुलीसेटा मच्छर से यह बीमारी होती है. इसे जापानी बुखार के नाम से भी जाना जाता है. यह बीमारी दिमाग में सूजन पैदा कर देती है. बुखार, शरीर दर्द इसके सबसे आम लक्षण हैं.

चिकनगुनिया : एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर ये रोग फैलाते हैं. इस बीमार से पीड़ित मरीज को सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

मच्छरों के प्रकार

  • एडीज (Aedes)
  • क्यूलेक्स (Culex)
  • कुलिसेटा (Culiseta)
  • मैनसोनिया (Mansonia)
  • सोरोफोरा (Psorophora)
  • वायोमीया (Wyeomyia)
  • एनोफेलीज (Anopheles)
  • टॉक्सोरहाइन्चाइट्स (Toxorhynchites)

इसलिए मनाया जाता है विश्व मच्छर दिवस: विश्व मच्छर दिवस हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है. यह दिन सर रोनाल्ड रॉस द्वारा की गई खोज का सम्मान करता है. उन्होंने खोज की थी कि मादा मच्छर के जरिए इंसानों में मलेरिया फैलता है, जो इन बीमारियों से निपटने के लिए रणनीति विकसित करने में मौलिक रही है.

जागरूकता बढ़ाता है: मच्छर जनित बीमारियों के वैश्विक प्रभाव और रोकथाम के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है.

खोजों का स्मरण कराता है: मलेरिया फैलने की प्रक्रिया को समझने में सर रोनाल्ड रॉस की सफलता के सम्मान में मनाया जाता है विश्व मच्छर दिवस.

कार्रवाई को प्रोत्साहित करता है: विश्व मच्छर दिवस मच्छरजनित रोगों से लड़ने के लिए की गई पहलों को बढ़ावा देता है. साथ ही मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है.

वैश्विक स्वास्थ्य फोकस: विश्व मच्छर दिवस मलेरिया जैसी बीमारियों के खिलाफ चल रही लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करता है.

यह भी पढ़ें : 'कातिल मांझे' से बचकर रहें; ऑनलाइन दुनिया में बदला चाइनीज मांझे का नाम, दुकानों पर बैन फिर भी धड़ल्ले से बिक रहा

Last Updated : Aug 20, 2024, 10:18 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.