रायपुर : छत्तीसगढ़ में मानसून ने 8 जून को दस्तक दे दी थी. लेकिन पूरे प्रदेश में मानसून 23 जून से सक्रिय हुआ है. बावजूद इसके बारिश नहीं होने के कारण इसका सीधा असर रेनकोट और छाता बाजार पर दिख रहा है. रेनकोट और छाता के व्यापार करने वाले कारोबारी ग्राहक नहीं आने से दुखी हैं.पिछले साल भी कम बारिश के कारण छाता और रैनकोट का बाजार मंदा था.इस बार मौसम विभाग ने अच्छी बारिश होने की भविष्यवाणी की थी.लेकिन जून बीतने को है,अब भी छत्तीसगढ़ में बदरा नहीं बरस रहे हैं.
बारिश नहीं होने से बिक्री घटी : कारोबारियों का कहना है कि बारिश नहीं होने की वजह से उनका व्यापार भी ठंडा पड़ गया है. जब बारिश होगी तभी रेनकोट और छाते की बिक्री बढ़ेगी. बाजार में 3 फोल्ड वाला कैप्सूल छाता भी लोगों को आकर्षित कर रहा है. रेनकोट और छाता के दुकानदारों का कहना है कि जैसी बारिश होनी चाहिए, वैसी बारिश फिलहाल राजधानी के साथ ही प्रदेश में नहीं हो रही है.
"पानी गिरने के बाद ही रेनकोट और छाते का व्यापार ऊपर उठेगा. अब तक एक से दो बार ही बारिश हुई है. ग्राहकी की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि रेनकोट का दाम पिछले साल की तुलना में थोड़ा काम हुआ है. आने वाले दिनों में ग्राहकी की उम्मीद है. क्योंकि बारिश के सीजन में ही लोग रेनकोट और छाता खरीदते हैं."- संतोष कुमार,दुकानदार
दुकानदार विनोद कुमार साहू ने बताया कि "हल्की बारिश की शुरुआत हुई है और ग्राहक भी दुकान में आ रहे हैं. बाजार में 150 रुपए से लेकर 400 रुपये तक के छाते मौजूद हैं. इसी तरह रेनकोट 600 रुपये से लेकर ब्रांडेड कंपनियों के 2000 रुपये तक के रेनकोट मार्केट में उपलब्ध है. वहीं दुकानदार पवन जैन का कहना के मुताबिक बारिश की शुरुआत हो चुकी है और थोड़ी बहुत ग्राहकी दुकानों में दिख रही है, लेकिन जिस तेजी से मानसून होना चाहिए वैसी बारिश नहीं हो रही है.
सितंबर तक पानी गिरने का अनुमान : मौसम विभाग के कैलेंडर के मुताबिक बारिश का मौसम जून से लेकर सितंबर तक 4 महीने का होता है. 4 महीने के दौरान रेनकोट और छाते की बिक्री भी होती है. पूरे प्रदेश में रेनकोट और छाता की दुकानों की बात की जाए तो लगभग 900 दुकान हैं, जिसमें अकेले राजधानी रायपुर में 100 दुकानें होंगी. पूरे प्रदेश के रेनकोट और छाते के व्यापार की बात करें तो बारिश के सीजन में 5 से 7 करोड़ का व्यापार रेनकोट और छाते का होता है. राजधानी रायपुर में लगभग एक से डेढ़ करोड़ का व्यापार होता है.